2015-07-10 12:42:00

सन्त पापा वार्ताओं का आमंत्रण देते हैं समाधानों का प्रस्ताव नहीं करते, वाटिकन प्रवक्ता


सान्ता क्रूज़, बोलिविया, शुक्रवार, 10 जुलाई 2015 (सेदोक): बोलिविया में सन्त पापा फ्राँसिस की यात्रा पर टीका करते हुए वाटिकन प्रेस के निर्देशक एवं वाटिकन प्रवक्ता फादर फेदरीको लोमबारदी ने कहा कि सन्त पापा वार्ताओं के लिये आमंत्रण देते हैं किन्तु समाधानों का प्रस्ताव नहीं करते हैं।

फादर लोमबारदी ने इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराया कि लातीनी अमरीका सन्त पापा फ्राँसिस की जन्मभूमि है तथा इस भूमि के लोगों के हृदय की अतल गहराई में पहुँचकर उनके साथ ठोस सम्वाद करने की उनमें क्षमता है।

सन्त पापा फ्राँसिस के साथ मुलाकात के अवसर पर बोलिविया के राष्ट्रपति एवो मोरालेस ने प्रशान्त सागर से जुड़ी बोलिविया की समस्या पर ध्यान आकर्षित किया था। इस सन्दर्भ में फादर लोमबारदी ने इस तथ्य को रेखांकित किया कि "सन्त पापा वार्ताओं द्वारा समस्याओं के समाधान को प्रोत्साहन देते हैं किन्तु समाधानों का प्रस्ताव नहीं करते क्योंकि यह कार्य जनता है।"

ग़ौरतलब है कि बुधवार को राष्ट्रपति मोरालेस तथा सन्त पापा फ्राँसिस के बीच औपचारिक मुलाकात हुई थी। इस अवसर पर मोरालेस ने सन्त पापा को "समुद्र की किताब" शीर्षक से लिखी एक पुस्तक भी प्रदान की थी जो चीले के साथ सन् 1879 से 83 तक हुए युद्ध की कहानी है तथा जिसके दौरान बोलिविया को प्रशान्त सागर में गतिविधियों से वंचित कर दिया गया था। इसी अवसर  पर राष्ट्रपति द्वारा सन्त पापा को समाजवाद में श्रमिकों एवं किसानों के प्रतीक, काठ की हतौड़ी एवं हँसिया में खुदा हुआ क्रूस भी अर्पित किया गया था जिसपर मीडिया में कई अटकलें लगाई गई थी तथा यह भी कहा गया कि राष्ट्रपति मोरालेस सन्त पापा की यात्रा से राजनैतिक लाभ उठाने का प्रयास कर रहे थे।

सन्त पापा को प्रदत्त राष्ट्रपति के उपहार के विषय में फादर लोमबारदी ने स्पष्ट किया कि काठ की हतौड़ी एवं हँसिया में खुदा हुआ क्रूस सन् 1980 की तानाशाही के समय,स्वतंत्रता एवं न्याय के पक्ष में आवाज़ उठाने के लिये मारे गये धर्मसमाजी परोहित फादर लूईज़ एस्पीनाल द्वारा रचा गया एक प्रतीक है। फादर लूईज़ एस्पीनाल के सहयोगी पुरोहितों का हवाला देकर फादर लोमबारदी ने कहा कि इस प्रतीक द्वारा वे किसी भी विचारधारा की प्रकाशना नहीं करना चाहते थे अपितु वार्ताओं के उदारता को प्रोत्साहित करना चाहते थे। अस्तु, उन्होंने कहा कि किस युग और किस वातावरण में इसका जन्म हुआ उससे जोड़कर इस प्रतीक को समझा जाना अनिवार्य है।

फादर लोमबारदी ने बताया कि सन्त पापा फ्राँसिस एक्वाडोर एवं बोलिविया में अब तक सम्पन्न अपनी प्रेरितिक यात्रा से सन्तुष्ट हैं। बोलिविया के विषय में उन्होंने कहा कि असंख्य कठिनाइयों के बीच बोलिविया की कलीसिया बहुजातीय एवं बहुसांस्कृतिक समाज के निर्माण में लगी है तथा लोगों में आशा का संचार कर रही है जो सन्त पापा के लिये प्रसन्नता और सन्तोष का विषय है।        








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