2015-07-07 12:48:00

सामानेस पार्क के ख्रीस्तयाग समारोह के लिये लाखों एकत्र


ग्वायाकिल, मंगलवार, 07 जुलाई 2015 (सेदोक): एक्वाडोर की राजधानी क्वीटो से लगभग 265 किलो मीटर दूर स्थित ग्वायाकिल शहर के सामानेस पार्क में सोमवार, 06 जुलाई को, सन्त पापा फ्राँसिस ने ख्रीस्तयाग अर्पित किया जिसमें लगभग दस लाख श्रद्धालु उपस्थित हुए।

इस समय विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस दक्षिण अमरीका के एक्वाडोर, बोलिविया एवं पारागुए में अपनी आठ दिवसीय प्रेरितिक यात्रा पर हैं। रविवार, 05 जुलाई को वे इस यात्रा के लिये रोम से रवाना हुए थे तथा 13 जुलाई को पुनः रोम लौटेंगे। 

सोमवार को सामानेस पार्क में ख्रीस्तयाग अर्पण से पूर्व सन्त पापा ने ग्वायाकिल स्थित दैवीय करुणा को समर्पित तीर्थ स्थल में प्रार्थना अर्पित की। इस अवसर पर तीर्थ के बाहर सन्त पापा ने अनेक परिचरों एवं वेदी सेवकों को अपने साथ सेल्फीज़ से फोटों खीचने का मौका दिया। तीर्थ स्थल के भीतर लगभग 2000 श्रद्धालु सन्त पापा के साथ प्रार्थना के लिये उपस्थित थे। इनमें अनेक कैंसर रोगी, विकलांग बच्चे तथा परिवारों द्वारा परित्यक्त वृद्ध लोग शामिल थे। एकत्र तीर्थयात्रियों से सन्त पापा ने कहा कि वे उनके लिये प्रार्थना करेंगे और फिर विनोदवश, कहाः... "इसके लिये आपको कोई क़ीमत नहीं चुकानी पड़ेगी। मैं आप लोगों से भी निवेदन करता हूँ कि आप मेरे लिये भी प्रार्थना करें।"   

सामानेस पार्क में सम्पन्न ख्रीस्तयाग समारोह दक्षिण अमरीका में सन्त पापा की उक्त यात्रा का पहला विशाल समारोह था। अपनी जन्मभूमि दक्षिण अमरीका की धरती पर लौटने वाले कलीसिया के प्रथम लातीनी अमरीकी परमाध्यक्ष के दर्शन पाने के लिये केवल ग्वायाकिल और क्वीटो के ही नहीं अपितु सम्पूर्ण एक्वाडोर एवं पड़ोसी देशों से भी तीर्थयात्री विशाल संख्या में उपस्थित थे। हमारे संवाद दाताओं ने हमें बताया कि सामानेस पार्क के एक छोर से दूसरे छोर तक तीर्थयात्रियों के विशाल सागर के ऊपर एक्वाडोर एवं वाटिकन के राष्ट्रीय ध्वजों के अलावा कम से कम आधे दर्ज़न राष्ट्रों के ध्वज फहराते दिखाई दिये। इनमें एक्वाडोर सहित, मेक्सिको, पेरु, उत्तरी अमरीका, आर्जेन्टीना, कोलोम्बिया, ब्राज़ील, चीले तथा पुएर्तो रिको के ध्वज शामिल थे।

पेरु की नोर्मा पेराल्ता ने कहाः "मैं सन्त पापा फ्राँसिस के दर्शन करने के अवसर को नहीं खोना चाहती थी। पेरु से यहाँ तक आने के लिये मुझे 10 घण्टे ड्राईविंग करनी पड़ी, फिर भी यह वाटिकन जाने से सस्ता है।" इसी प्रकार सैकड़ों लोग मीलों पैदल चलकर ग्वायाकिल शहर पहुँचे तो अनेकानेक लोगों ने सामानेस पार्क में ही रात बिताई।

अपनी पारदर्शी मोटर गाड़ी से सन्त पापा फ्राँसिस के सामानेस पार्क पहुँचते ही सम्पूर्ण पार्क तालियों की गड़गड़ाहट एवं जयनारों से गूँज उठा। पार्क के ओर-छोर चौकोर घेरों में खड़े "फ्राँसिसको, फ्राँसिसको" के नारे लगाते लोगों को सन्त पापा ने अपनी पापामोबिल से दर्शन दिये और फिर ख्रीस्तयाग अर्पण के लिये वेदी की ओर प्रस्थान किया।

ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा ने परिवार एवं पारिवारिक मूल्यों को रेखांकित किया। उन्होंने समाज की आधारशिला रूप में परिवारों की सराहना की और कहा कि परिवार "निकटतम अस्पताल, बच्चों की पहली पाठशाला तथा वयोवृद्ध लोगों का सर्वोत्तम आवास है।" उन्होंने कहा कि किसी भी परिवार के भीतर हर दिन प्रेम से प्रस्फुटित चमत्कार होते हैं। किन्तु, उन्होंने कहा, खेदवश, कभी कभी प्रेम और खुशियाँ सारी समाप्त हो जाती हैं।

सन्त पापा फ्राँसिस ने प्रश्न किया, "कितनी महिलाएँ दुःखी और अकेली हैं और यह सोच रही है कि कब प्रेम ने उनका परित्याग कर दिया, कब वह उनसे बाहर निकल गया? कितने वृद्ध लोग पारिवारिक जश्नों से दूर रखे जाते हैं? सबकुछ से दूर वे हर पल केवल कुछ प्रेम पाने की प्रतीक्षा करते रहते हैं।" 

ग़ौरतलब है कि अपने परमाध्यक्षीय काल के आरम्भिक क्षण से ही सन्त पापा फ्राँसिस परिवार के प्रति उत्कंठित रहे हैं। इसीलिये अपने परमाध्यक्षीय काल के प्रथम दो वर्षों तक वे साप्ताहिक आम दर्शन समारोहों के दौरान पारिवारिक जीवन के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डालते रहे थे। साथ ही, विश्व की स्थानीय कलीसियाओं से आग्रह करते रहे हैं कि वे परिवारों की प्रेरितिक देख-रेख पर विशेष ध्यान दें। इसी क्रम में विगत वर्ष वाटिकन में परिवार की प्रेरिताई पर विश्व धर्माध्यक्षीय धर्मसभा सम्पन्न हुई थी तथा आगामी अक्टूबर माह में एक बार फिर परिवारों के समक्ष प्रस्तुत चुनौतियों पर धर्मसभा का आयोजन किया गया है।

परिवार के प्रति सन्त पापा फ्राँसिस की उत्कंठा को मीडिया में कई बार केवल समलैंगिकों की या फिर तलाकशुदा दम्पत्तियों की समस्या से जोड़कर देखा जाता रहा है जबकि सन्त पापा परिवार से संलग्न हर चुनौती को रेखांकित करते रहे हैं जिनमें, बच्चों की देखभाल और परवरिश, युवाओं एवं नव-दम्पतियों का उपयुक्त का प्रशिक्षण, रोगियों की देखभाल तथा बुजुर्गों की मान-मर्यादा का सम्मान आदि शामिल हैं। इसी सन्दर्भ में वाटिकन प्रेस के निर्देशक फादर फेदरीको लोमबारदी ने कहा, "परिवार पर सन्त पापा की चिन्ताएं केवल समलैंगिकों एवं तलाकशुदा लोगों तक सीमित नहीं हैं बल्कि वे धर्माध्यक्षों के समक्ष ऐसे पथ का सुझाव करना चाहते हैं जो लोगों को पाप की दशा से निकल कर कृपा में जीने का आनन्द प्रदान कर सके।"  








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