कीतो, मंगलवार, 7 जुलाई 2015 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 6 जुलाई को इक्वाडोर के कीतो स्थित महागिरजाघर का दर्शन किया। कीतो के महागिरजाघर में एकत्र विश्वासियों को अपना संदेश देते हुए संत पापा ने कहा, ″कीतो में मैं एक तीर्थयात्री के समान सुसमाचार प्रचार के आनन्द को बांटने आया हूँ।″
उन्होंने कहा, ″संत हमें अपना अनुसरण करने एवं उनसे सीख लेने की प्रेरणा देते हैं।″ येसु की संत नरकीसा तथा येसु की धन्य मसेडस मोलिना ने संत मरियाना के जीवन से प्रेरणा लिया। संत पापा ने कहा कि आज हम में से कितने लोग अनाथों की स्थिति को समझ सकते हैं, कितने लोगों को छोटे होते हुए भी अपने से छोटे भाई बहनों को सम्भालना पड़ता है, कितने लोगों को धीरज के साथ बीमारों एवं बुजूर्गों की सेवा करनी पड़ती है। मरियाना ने यही किया जिसका अनुसरण संत नरकीसा तथा धन्य मेरकेडस ने किया। दुनिया की दृष्टि में उन्होंने कोई बड़ा काम नहीं किया था किन्तु उन्होंने प्यार से ख्रीस्त की पीड़ा भरी देह का स्पर्श लोगों की सेवा द्वारा किया।
संत पापा ने महागिरजाघर के निर्माण में लोगों के योगदान के लिए उनकी सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने समुदाय की भलाई के लिए किसी श्रेय की खोज किये बिना अपना उदार सहयोग दिया। ईश्वर हमें कृपा दे कि जिस प्रकार इस महागिरजाघर के निर्माण में हमारे पुरखों ने पत्थर ढोया उसी तरह आज हम एक-दूसरे का बोझ ढोकर उनके जीवन निर्माण हेतु उन्हें मदद करें।
संत पापा ने कहा कि जरूरत मंद लोगों के लिए हमारे भले कार्य तथा हमारा त्याग ही सुसमाचार प्रचार का आनन्द है।
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