वाटिकन सिटी, शनिवार, 4 जुलाई 2015 (वीआर अंग्रेजी)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 3 जुलाई को संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में, 38 वें वार्षिक दीक्षांत समारोह हेतु रोम में एकत्र पवित्र आत्मा में नवीनीकरण के सदस्यों के साथ प्रार्थना में भाग लिया तथा उन्हें अपना संदेश दिया।
बारिश की रिमझिम बूंदों के बावजूद करीब तीस हजार विश्वासियों ने प्रार्थना सभा में भाग लेकर अत्याचार के शिकार लोगों के लिए प्रार्थना अर्पित की। ख्रीस्तीय एकता वर्धक प्रार्थना के इस सभा की विषयवस्तु थी, ″एकता एवं शांति के रास्ते, आज के शहीदों के लिए प्रार्थना की आवाज तथा आध्यात्मिक अंतरधार्मिक वार्ता।″
संत पापा के साथ इस प्रार्थना सभा में कई कलीसियाओं के प्रतिनिधियों एवं कलीसियाई समुदायों ने सहभाग होकर अंतरधार्मिक वार्ता प्रार्थना तथा ख्रीस्तीयों के बीच भ्रातृत्व की आवश्यकता का साक्ष्य प्रस्तुत किया।
विश्वासियों के साथ मुलाकात में संत पापा फ्राँसिस ने पवित्र आत्मा के आह्वान की प्रार्थना की। उन्होंने कहा, ″हे पिता ईश्वर हमें पवित्र आत्मा प्रदान कर जो हमारे बीच एकता प्रदान करे।″ उन्होंने कहा कि पवित्र आत्मा ही कलीसिया में भिन्न भिन्न वरदान प्रदान करते हैं तथा नाना प्रकार की कृपाओं के साथ कार्य करते एवं हमें एकता प्रदान करते हैं। संत पापा ने येसु से प्रार्थना की और कहा, ″जिन्होंने कलीसिया की एकता के लिए प्रार्थना किया था वे हमें एकता के रास्ते पर चलने में हमारी सहायता करे।
संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र विश्वासियों को सम्बोधित करते हुए संत पापा ने पवित्र आत्मा में नवीनीकरण के सदस्यों को कार्डिनल लेओ जोसेफ स्वेनेंस के कथन का स्मरण दिलाया। उन्होंने पवित्र आत्मा में नवीनीकरण को ″कृपा का झरना कहा″ जिसे ईश्वर रूपी सागर की ओर निरंतर बहना चाहिए न कि खुद की ओर मूड़ना।
संत पापा ने ‘विविधता में एकता’ का अर्थ स्पष्ट करते हुए कहा कि एकता का अर्थ समरूपता नहीं है किन्तु अलग-अलग हिस्सों के संगम को दर्शाता है।
उन्होंने उन नेताओं को सचेत किया जो निरंकुश बनने के प्रलोभन में पड़ते हैं उन्होंने कहा कि यह प्रलोभन समुदाय को पवित्र आत्मा के संचालन में जीने से रोकता है जबकि नवीनीकरण हेतु पवित्र आत्मा ही परम संचालक हैं।
संत पापा ने पवित्र आत्मा की उपस्थिति के प्रति धन्यवाद अर्पित किया जिन्होंने प्रचुर फल प्रदान किये हैं। उन्होंने सभी सदस्यों को शुभकामनाएँ दी कि वे कलीसिया की सेवा में आगे बढ़ें। संत पापा ने सेवा कार्य की महत्ता बतलाते हुए उन्हें कलीसिया के धर्मगुरूओं के साथ सहयोग करने की सलाह दी।
संत पापा ने विभिन्न कलीसियाओं के सभी ख्रीस्तीयों को एक ही बपतिस्मा में बने रहने की सलाह दी तथा कहा कि ख्रीस्तीयों के बीच एकता प्रार्थना से शुरू होती है. उन्होंने वर्तमान में अत्याचार के शिकार लोगों की याद करते हुए कहा कि उनका रक्त हमें एक बन दे। संत पापा ने आगामी सन् 2017 ई. में पवित्र आत्मा में नवीनीकरण संगठन की स्वर्ण जयन्ती के लिए उन्हें शुभकामनाएँ अर्पित की।
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