2015-06-29 15:45:00

महान संत विश्वास एवं पवित्रता के रास्ते में हमारा मार्गदर्शन करें


वाटिकन सिटी, सोमवार, 29 जून 2015 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 29 जून को संत पेत्रुस महागिरजाघर में कलीसिया के दो स्तम्भ प्रेरित संत पेत्रुस एवं प्रेरित संत पौलुस के महापर्व पर समारोही पावन ख्रीस्तयाग के अंत में देवदूत प्रार्थना का पाठ किया।

उन्होंने देवदूत प्रार्थना के पूर्व विश्वासियों को सम्बोधित कर महापर्व की महत्ता से अवगत कराया।

उन्होंने कहा, ″पवित्र प्रेरितों संत पेत्रुस एवं संत पौलुस के महापर्व को विश्वव्यापी कलीसिया मनाती है किन्तु रोम की कलीसिया द्वारा इसके आनन्द का अनुभव किया जाता है क्योंकि कलीसिया की स्थापना उनके साक्ष्य तथा रक्त की मुहर द्वारा हुई है। ईश्वर के इन महान संतों के प्रति रोम अपना विशेष सम्मान और स्नेह प्रकट करती है। उन्होंने अपने जीवन द्वारा दूर से अपने साथ ख्रीस्त के सुसमाचार जिसपर वे पूरी तरह समर्पित थे उसको लाया। इन दोनों संतों का गौरवशाली विरासत रोम में हमारे आध्यात्मिक गौरव का स्रोत है। उनका जीवन हमें ख्रीस्तीय मूल्यों को जीने की प्रेरणा देता है विशेषकर, विश्वास एवं उदारता का।″  

संत पेत्रुस एवं संत पौलुस की याद करते हुए देवदूत प्रार्थना में हम माता मरिया के साथ सहभागी हों जो ख्रीस्त की दुल्हिन कलीसिया के जीवन्त प्रतीक हैं। इन दो प्रेरितों ने अपना खून बहाकर इसे उपजाऊ बनाया है। संत पेत्रुस का माता मरिया से व्यक्तिगत परिचय था, ख़ास कर, पेंतेकोस्त के पूर्व। संत पौलुस ने भी मुक्ति योजना में निर्धारित समय पर, उस महिला का स्मरण करने से नहीं चुके जिनके द्वारा ईश पुत्र पैदा हुए। ईश्वर के खोज की यात्रा में माता मरिया, संत पेत्रुस एवं संत पौलुस हमारा साथ दें, विश्वास एवं पवित्रता के रास्ते में वे हमारा मार्गदर्शन करें।

संत पापा ने रोम शहर की आध्यात्मिक तथा भौतिक कल्याण हेतु विशेष प्रार्थना अर्पित की। 








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