2015-06-25 15:28:00

आपसी समझदारी लाने में मील का पत्थर ‘नोस्त्रा एताते’


वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 25 जून 2015 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने गुरूवार 25 जून को वाटिकन स्थित संत पापाओं के भवन में, द्वितीय वाटिकन महासभा के दस्तावेज नोस्त्रा एताते की 50 वीं वर्षगाँठ पर काथलिक एवं यहूदियों की वार्ता के लिए बनी संस्था ‘बी नई बी रीथ’ के अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

संत पापा ने संस्था के साथ संत पापाओं के पुराने संबंधों की याद करते हुए कहा कि ‘नोस्त्रा एताते’ की प्रकाशना के समय से ही वे संत पापाओं के साथ जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज यहूदियों एवं काथलिकों के बीच आपसी समझदारी लाने में मील का पत्थर सिद्ध हुआ है।

संत पापा ने काथलिक कलीसिया एवं यहूदी समाज के बीच 50 वर्षों की लगातार वार्ता पर ग़ौर करते हुए इन वर्षों में हुई प्रगति के लिए ईश्वर को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा, इस अवधि में ″आपसी समझदारी को प्रोत्साहन देने हेतु कई पहल एवं वार्ता की गयी जिनमें सबसे अधिक आपसी विश्वास एवं प्रशंसा की भावना में वृद्धि हुई है। कई ऐसे क्षेत्र हैं जहाँ यहूदी और ख्रीस्तीय एक साथ लोगों की भलाई हेतु कार्य कर रहे हैं, विशेषकर, जीवन एवं सृष्टि के प्रति सम्मान, मानव प्रतिष्ठा, न्याय एवं सद्भावना, सामाजिक विकास एवं भावी पीढ़ी के लिए समृद्ध आशा की रक्षा आदि।

संत पापा ने संगठन के कर्तव्यों की याद दिलाते हुए कहा कि विशेष रूप से, शांति के लिए प्रार्थना करने एवं एक जुट होकर कार्य करने की आवश्यकता है। संत पापा ने मध्यपूर्व एवं विश्व के अन्य हिस्सों में चल रहे संघर्ष पर ध्यान आकृष्ट करते हुए चिंता व्यक्त की तथा कहा कि उसके समाधान हेतु साहसिक प्रतिबद्धता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है।

संत पापा ने उन सभी लोगों का भी स्मरण किया जिन्होंने यहूदी एवं काथलिकों के बीच मित्रवत् संबंध को बढ़ावा देने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है विशेषकर, संत पापा जॉन 23 वें एवं संत पापा जॉन पौल द्वितीय ने। उन्होंने जानकारी दी कि द्वितीय विश्व युद्ध के समय संत पापा जॉन 23 वें ने कई यहूदियों से मुलाकात कर उनकी रक्षा की थी। उन्होंने ईश्वर से प्रार्थना की कि उनके पदचिन्हों पर चलकर हम आपसी संबंध को मजबूत बनायें तथा हमारे समुदायों एवं मानव परिवार के लिए बहुतायत में फल उत्पन्न करें।








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