2015-06-10 15:26:00

पाँच ख्रीस्तीय प्राधिधर्माध्यक्षों ने शांति की अपील की


दमस्कुस, बुधवार 10 जून, 2015 (सीएनए) मध्य पूर्वी कलीसिया के पाँच ख्रीस्तीय प्राधिधर्माध्यक्षों ने सोमवार 8 जून को सीरिया के अंतियोख में मुलाक़ात की और माँग की है कि सीरियाई गृह युद्ध को समाप्त किया जाये ताकि क्षेत्र में शांति की स्थापना हो।

प्राधि धर्माध्यक्षों इस बात का भी दावा किया है कि अब भी मध्यपूर्व में ख्रीस्तीयों का अहम स्थान है।

सामूहिक रूप से दिये अपने बयान में प्राधिधर्माध्यक्षों ने कहा, " ख्रीस्तीय मध्यपूर्व की भूमि के सच्चे हक़दार है क्योंकि उनके दादा –परदादाओं की खून और पसीने से ही यह धरती सिंचित है और हम इसे छोड़ेंगे नहीं।" 

उन्होंने कहा, " हम ख्रीस्तीयों को इस बात की याद दिलाना चाहते हैं कि जो स्वेच्छा से जाना चाहते हैं उनकी हम निन्दा नहीं करते हैं पर यह बताना चाहते हैं कि विश्वास में दृढ़ बने रहने से कई बार हमें विपत्तियों का सामना करना पड़ता है। "

उन्होंने कहा, " हम लोगों से निवेदन करते हैं कि जो हमारी हालात पर रुचि रखते हैं वे हमें मदद दें ताकि हम इस ज़मीन को न छोड़ें। "

विदित हो कि 8 जून को सम्पन्न सभा में अंतियोख के पाँच काथलिक और  ऑर्थोडॉक्स प्राधिधर्माध्यक्षों सहित सीरिया में वाटिकन सिटी के प्रेरितिक राजदूत भी उपस्थित थे।

पाँच पैट्रियार्कों में मेलकाइट ग्रीक काथलिक प्राधिधर्माध्यक्ष ग्रेगोरी तृतीय लहाम, मेरोनाइट प्राधिधर्माध्यक्ष बेचारा राय, सीरियक कैथोलिक प्राधिधर्माध्यक्ष इग्नासियुस तृतीय, योनान ग्रीक ऑर्थोडॉक्स प्राधिधर्माध्यक्ष जोन एक याजीजी तथा सीरियक ऑर्थोडॉक्स प्राधिधर्माध्यक्ष इग्नासियुस एफ्रेम द्वितीय शामिल थे।

विदित हो कि सीरियन गृहयुद्ध के कारण मध्यपूर्वी राष्ट्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं और हज़ारों ने अपनी जानें गँवायी है और लाखों विस्थापित हुए हैं।

 

ख्रीस्तीय प्राधिधर्माध्यक्षों ने समस्या के राजनैतिक समाधान की अपील की है । उन्होंने अन्तरराष्ट्रीय समुदाय से भी अपील की है कि वे इस क्षेत्र में युद्ध समाप्त करने की ज़िम्मेदारी निभायें। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में शांति व्यवस्था के प्रयास हों तथा विस्थापित तथा अपह्रतों को वापस बुलाया जाये। 

प्राधिधर्माध्यक्षों ने यह भी कहा कि मुस्लिमों के साथ संबंध सुधारे जा सकते हैं तथा इस्लाम के उग्र रूप को शांति, स्वतंत्रता तथा निष्कपटा की संस्कृति के द्वारा सामना किया जा सकता है।   

 



 

 








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