2015-06-09 15:04:00

नर और नारी के पूरकता को चुनौती देना खेदपूर्ण


वाटिकन सिटी, मंगलवार 9 जून, 2015 (सीएनए) संत पापा ने सोमवार 8 जून को पुवेरतोरिको के धर्माध्यक्षों को वाटिकन सिटी में संबोधित करते हुए कहा, " विवाह का महत्व और उसकी सुन्दरता नर और नारी के पूरक होने में है जिसे ‘लिंग विचारधारा’ के आधार पर चुनौती देना खेदपूर्ण है। " 

उन्होंने कहा कि नर और नारी की पूरकता दिव्य सृष्टि का पूर्णता है जिसे लिंग विचारधारा के समर्थकों ने मुक्त और न्यायपूर्ण समाज के नाम पर चुनौती दे रहे हैं जो खेदपूर्ण है।

उन्होंने कहा, " नर और नारी की पूरकता एक-दूसरे का विरोध करने के लिये नहीं है या तो दूसरे को अपने अधीन में करने के लिये नहीं है पर इसलिये हैं ताकि उनमें एकता और प्रजनन हो जो हमेशा जो ईश्वर प्रतिरूप हो।"

संत पापा ने पुवेरतो रिको के धर्माध्यक्षों को इस बात के लिये प्रोत्साहन दिया कि वे विवाह संस्कार की समृद्धि को बनाये रखें। उन्होंने कहा, " बिना आपसी आदान-प्रदान के नर नारी इस बात को समझ नहीं सकते हैं कि इसका अर्थ क्या है।"

संत पापा ने उन्हें इस बात के लिये भी प्रोत्साहन दिया कि वे राजनीति और विचारधारा से प्रेरित झुकावों से दूर रहें और परिवारों को समृद्ध करें।

विदित हो कि संत पापा ने पुवेरतो रिको के धर्माध्यक्षों से पंचवर्षीय अद लिमिना विजिट के तहत वाटिकन सिटी में मुलाक़ात की और अपना संदेश दिया। 








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