2015-06-05 16:45:00

मानव जाति को शांति का स्रोत आवश्यकता


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 5 जून 2015 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार में शुक्रवार 5 जून को संत पापा फ्राँसिस ने सुसमाचार प्रचार के लिए गठित परमधर्मपीठीय समिति एवं परमधर्मपीठीय मिशन सोसाईटी की संयुक्त सभा में भाग ले रहे 170 सदस्यों से मुलाकात कर, दुनिया के कोने-कोने में सुसमाचार प्रचार करने के येसु के आदेश को जारी रखने के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।

उन्होंने कहा, ″मानव जाति को आनन्द, शांति एवं आशा के स्रोत सुसमाचार की बड़ी आवश्यकता है।″ उन्होंने कहा कि सुसमाचार प्रचार की प्रेरिताई को प्राथमिकता दी जानी चाहिए क्योंकि मिशन कार्य कलीसिया के लिए एक बड़ी चुनौती है। 

उन्होंने कहा, ″सुसमाचार का प्रचार कलीसिया की पहली एवं सतत चिंता है जो आवश्यक समर्पण की मांग करती है। यह एक बड़ी चुनौती एवं नवीनीकरण का स्रोत है वास्तव में, सुसमाचार प्रचार की प्रेरिताई की गतिशीलता एवं प्रभाव कलीसिया को इसके ढाँचे एवं प्रेरितिक कार्यों में सच्चे नवीनीकरण हेतु प्रेरित करता है।

उन्होंने सदस्यों को सम्बोधित करते हुए कहा कि उनका यह कार्य चुनौतीपूर्ण एवं विशेषाधिकृत कार्य है क्योंकि उनका दृष्टिकोण एवं विचार पूरी कलीसिया एवं दुनिया के सभी मनुष्यों तक पहुँचता है।

संत पापा ने सुसमाचार प्रचार के लिए गठित परमधर्मपीठीय समिति एवं परमधर्मपीठीय मिशन सोसाईटी को नवीकृत सुसमाचार प्रचार के कार्य का मुख्य पात्र कहा जो विशेषकर गरीबों, पिछड़े वर्ग के लोगों एवं हाशिये पर जीवन यापन कर रहे लोगों को भी साथ में लेकर चलता है।

संत पापा ने उन्हें सलाह दी कि वे सच्चे सुसमाचार प्रचारक तब तक नहीं बन सकते जब तक कि वे पवित्र आत्मा के से विभूषित न हों जो कलीसिया में नवीनीकरण लाने एवं सभी लोगों को सुसमाचार प्रचार हेतु प्रोत्साहन देने में सक्षम है।

 








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