2015-06-05 09:11:00

प्रेरक मोतीः माईन्स के सन्त बोनीफास (680-754) (05 जून)


वाटिकन सिटी, 05 जून सन् 2015:

माईन्स के सन्त बोनीफास को जर्मन लोगों के प्रेरित कहा जाता है। वे माईन्स के प्रथम महाधर्माध्यक्ष भी थे। बोनीफास का जन्म, विनफ्रिड नाम से, इंग्लैण्ड के वेसेक्स में, सन् 680 ई. में हुआ था। विनफ्रिड एक धन सम्पन्न परिवार से थे जिनका सम्पर्क धर्मसमाजी भिक्षुओं एवं मठवासियों से रहा था। इसी कारण बाल्यकाल से ही विनफ्रिड मठवासी जीवन के प्रति आकर्षित रहे थे। विनचेस्टर के निकट उन्होंने एक बेनेडिक्टीन मठ में शिक्षा-दीक्षा प्राप्त की तथा मठ में भर्ती हो गये। तीस वर्ष की आयु में उनका पुरोहिताभिषेक हुआ जिसके बाद उन्होंने मिशनरी कार्यों के प्रति रुचि दर्शाई तथा जर्मनी प्रेषित कर दिये गये।

माईन्स, फुल्डा तथा फ्रिसिया में उन्होंने अपने साथी विलीब्रॉड के साथ मिलकर ख्रीस्तीय धर्म का प्रचार प्रसार किया तथा अपधर्मियों को सीधे रास्ते पर लाने की कोशिश की। मिशनरी प्रेरिताई के दौरान, उनके 52 साथियों के साथ, सन् 754 ई. में उन्हें मार डाला गया। उन्हें जर्मनी का संरक्षक सन्त, पश्चिमी यूरोप के धर्मशिक्षक और प्रचारक तथा यूरोप को एकता के सूत्र में बाँधनेवाले योद्धा नामों से पुकारा जाता है। शहीद सन्त बोनीफास का पर्व 05 जून को मनाया जाता है। 

चिन्तनः "तुम सारे हृदय से प्रभु का भरोसा करो; अपनी बुद्धि पर निर्भर मत रहो। अपने सब कार्यों में उसका ध्यान रखो। वह तुम्हारा मार्ग प्रशस्त कर देगा। अपने को बुद्धिमान मत समझो। प्रभु पर श्रद्धा रखो और बुराई से दूर रहोइस से तुम्हारे शरीर को स्वास्थ्य और तुम्हारी हड्डियों को नवजीवन मिलेगा" (सूक्ति ग्रन्थ: 3: 5-8)। 








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