2015-06-02 12:04:00

वाटिकन सिटीः प्रेम सब पर विजयी होता है, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, मंगलवार,  2 जून 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा है कि हमारी मुक्ति के मार्ग में कई विफलताएँ आती हैं किन्तु अन्ततः, प्रेम सबकुछ पर विजय पा लेता है।

वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में सोमवार को ख्रीस्तयाग अर्पण के समय प्रवचन करते हुए सन्त पापा ने कहा, "हमारी मुक्ति का मार्ग विफलताओं से भरा मार्ग है। क्रूस का अन्तिम मार्ग भी कलंक का मार्ग था, जिससे ऐसा प्रतीत हुआ कि आशा के इतिहास का अन्त हो गया है किन्तु क्रूस ही वह केन्द्र बिन्दु है जहाँ से मानव मुक्ति की कहानी शुरु हुई, उसी बिन्दु से यह स्पष्ट हुआ कि प्रेम विजयी हुआ तथा फेंक दिया गया पत्थर आधार शिला बन गया।"

धर्मग्रन्थ मानव जाति से किस तरह अनवरत बोलते रहते हैं यह स्पष्ट कर सन्त पापा ने कहा कि ईश्वर दुर्बलताओं एवं अपव्यय पर निर्माण कार्य करते हैं इसीलिये मानवजाति के प्रति प्रभु ईश्वर का प्रेम क्रूस की प्रतीयमान विफलता में प्रकट हुआ।

सन्त पापा सुसमाचार के उस दृष्टान्त पर चिन्तन कर रहे थे जिसमें दाखबारी में मालिक द्वारा भेजे जानेवाले नौकरों को दाखबारी के असामी मार डाला करते थे। उन्होंने कहा, "सुसमाचार की यह कहानी ईश्वर के स्वप्न की विफलता प्रतीत होती है। एक मालिक है जो एक सुन्दर दाखबारी लगवाता है और जब वह अपने नौकरों को दाखबारी की देखभाल करनेवाले असामियों के पास भेजता है तब वे उनके साथ मार-पीट करते तथा उन्हें मार भी डालते हैं किन्तु इन्हीं लोगों की मृत्यु से जीवन पनपता है।"

सन्त पापा ने कहा, "नबियों को भी कोई नहीं सुनना चाहता था। उन्हें भी उत्पीड़ित किया गया किन्तु उन्हीं ने ईश्वर की महिमा के बारे में बताया। इसी प्रकार ईशपुत्र येसु ख्रीस्त लोगों के बीच भेजे गये, लोगों ने उनकी नहीं सुनी, उनका बहिष्कार किया, तिरस्कार किया और मार डाला किन्तु वही येसु कोने का पत्थर सिद्ध हुए।"

सन्त पापा ने कहा, "यह इतिहास प्रेम के सपने से शुरु होता है, यह प्रेम की एक कहानी और फिर उसकी विफलता प्रतीत होता है किन्तु ईश्वर के असीम प्रेम से समाप्त होता है जो सबके लिये मुक्ति के द्वार खोल देते हैं।" सन्त पापा ने कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिये कि ईश्वर ने हमारे हृदयों में प्रेम का बीज बोया है और हम सब लोगों में इसे बाँटने के लिये आमंत्रित हैं। 








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