2015-05-25 15:37:00

प्रेम की आग जो हर कड़वाहट जला डालती है


वाटिकन सिटी, सोमवार, 25 मई 2015 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 24 मई को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा,

″अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात,

पेंतेकोस्त महापर्व को हम कलीसिया के आरम्भ से ही मना रहे हैं। प्रेरित चरित कहता है कि येसु के साथ जहाँ चेलों ने पास्का पर्व मनाया था वे उसी कमरे में एकत्र थे जब पास्का के पचासवें दिन आकाश से आँधी के समान एक आवाज सुनाई पड़ी और वे सभी पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गये। पवित्र आत्मा ग्रहण करने के बाद चेले पूरी तरह बदल गये। भय साहस में बदल गया, वे बंद कमरे से निकल कर सुसमाचार की घोषणा करने लगे तथा हर संदेह विश्वास द्वारा प्यार के माध्यम से दूर किया जाने लगा। कलीसिया बपतिस्मा संस्कार में पवित्र आत्मा से बल पाकर इतिहास में अपनी यात्रा करनी शुरू कर दी।

संत पापा ने कहा कि वह घटना जिसमें प्रेरितों एवं अन्य शिष्यों का हृदय परिवर्तन हो गया, वह तत्काल कमरे के बाहर अनुभव किया गया। वास्तव में, दरवाजा जो पचास दिनों से बंद था वह अंततः खुल गया तथा प्रथम ख्रीस्तीय समुदाय अब अपने आप में बंद नहीं रह सकी, अतः उन्होंने विभिन्न पृष्ट भूमि वाले भीड़ में ईश्वर के महान कार्यों का बखान करना शुरू किया। पुनर्जीवित ख्रीस्त जो क्रूसित किया गया था तथा उपस्थित सभी लोगों ने अपनी भाषा में चेलों को बोलते सुना। संत पापा ने कहा कि बाबेल के मीनार निर्माण के समय जो गड़बड़ी आ गयी थी पवित्र आत्मा के वरदान ने उसमें भाषा के सद्भाव को पुनर्स्थापित किया तथा प्रेरितों के मिशन के सार्वभौमिक आयाम की झलक प्रस्तुत की। कलीसिया का जन्म पृथक नहीं हुआ है किन्तु इसका जन्म अमूल्य पहचान के साथ विश्वव्यापी एवं काथलिक है। यह सभी के लिए खुली है तथा किसी के लिए बंद नहीं है। एक ऐसी पहचान जो बिना किसी अपवाद के समस्त विश्व का आलिंगन करती है। माता कलीसिया किसी के लिए अपना द्वार बंद नहीं करती है। एक पापी के लिए भी नहीं और यह कृपा वह पवित्र आत्मा से प्राप्त करती है। माता कलीसिया सभी के लिए अपना द्वारा खोलती है क्योंकि वह माता है।

संत पापा ने कलीसिया की शुरूआत की याद करते हुए कहा कि पेंतेकोस्त के दिन पवित्र आत्मा प्रेरितों के हृदयों में डाला गया जो एक नये काल की शुरूआत थी, साक्ष्य एवं भाईचारा की भावना का काल। यह ईश्वर से आग के जीभों के रूप में आया तथा प्रत्येक प्रेरित के ऊपर ठहर गया। यह प्रेम की आग है जो सभी प्रकार की कड़वाहट को जला डालती है यही सुसमाचार की भाषा है जो मानव निर्मित हर घेरे को पार कर देती है तथा बिना भेदभाव के सभी भाषा, जाति और राष्ट्रीयता के लोगों के हृदय को स्पर्श करती है। पेंतेकोस्त के दिन जिस प्रकार पवित्र आत्मा प्रदान किया गया था आज भी कलीसिया तथा हम प्रत्येक को वही पवित्र आत्मा प्रदान की जाती है जिसके कारण हम अपने से बाहर आते तथा दुनिया के साथ सम्पर्क कर प्रभु के करुणावान प्रेम को बाँटते हैं। प्रभु के करुणावान प्रेम को बांटना ही हमारा मिशन है। हमें भी सुसमाचार की भाषा एवं पवित्र आत्मा के आग का वरदान प्राप्त है क्योंकि जब हम पुनर्जीवित ख्रीस्त का प्रचार करते हैं जो हमारे बीच जीवित और उपस्थित है हम अपने तथा अन्यों के हृदयों को प्रेम की उष्मा प्रदान करते हैं। उन्हें मार्ग, सत्य और जीवन के पास लाते हैं।

हम अपनी प्रार्थना माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा ईश्वर को अर्पित करें जो उपरि कमरे में प्रेरितों के बीच एक माता के रूप में उपस्थित थीं। येसु की माता, कलीसिया की माता बन गयीं। हम अपने आपको उनके चरणों में सिपुर्द करें कि कलीसिया को पवित्र आत्मा की प्रचुर कृपा प्राप्त हो, पवित्र आत्मा सभी विश्वासियों का हृदय भर दे तथा अपने प्रेम की अग्नि से प्रज्वलित करे।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

स्वर्ग की रानी प्रार्थना समाप्त करने के पश्चात् उन्होंने देश-विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।

संत पापा ने सूचना देते हुए कहा, ″मैं बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर पर कई शरणार्थियों को बड़ी चिंता और दु:ख के साथ याद करता हूँ। मैं उन देशों की पहल की सराहना करता हूँ जो ख़तरे और कष्ट में पड़े लोगों की मदद हेतु तैयार हैं। मैं अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करता हूँ कि वे उन्हें आवश्यक मानवीय सहायता प्रदान करें।

प्रथम विश्व युद्ध में इटली के शामिल होने के 100 साल पूरे होने पर संत पापा ने युद्ध में मृत्यु के शिकार हुए लोगों के लिए प्रार्थना की तथा विश्व शांति हेतु पवित्र आत्मा का आह्वान किया।

संत पापा ने अल सलवाडोर एवं केन्या में धन्य घोषणा की जानकारी देते हुए कहा कि ख्रीस्तयाग अर्पित करते समय विश्वास के कारण शहीद सन सलवाडोर के महाधर्माध्यक्ष ऑस्कर रोमेरो की धन्य घोषणा की गयी जो एक उत्साही चरवाहे थे उन्होंने येसु का सच्चा उदाहरण प्रस्तुत किया विशेषकर, ग़रीब एवं उपेक्षित लोगों की सेवा में अपनी जान अर्पित कर दी।

दूसरी थी, कोनसोलाता की मिशनरी धर्मसमाज की एक इटालियन धर्मबहन, जिसका नाम था इरेने स्तेफनी जिन्होंने केनियाई कलीसिया को आनन्द, करूणा और कोमलता के साथ सेवा दी है। इन धन्यों के महान उदाहरण हम प्रत्येक को साहस एवं आत्म त्याग के साथ सुसमाचार का साक्ष्य देने हेतु प्रेरित करे।

माता मरिया ख्रीस्तीयों की सहायिका के पर्व दिवस पर संत पापा ने सलेशियन समुदाय को शुभकामनाएँ अर्पित की तथा प्रार्थना की कि प्रभु उन्हें संत जॉन बोस्को के मनोभाव को धारण करने का बल प्रदान करे।

अंत में उन्होंने सभी को शुभ पेंतेकोस्त रविवार की मंगल कामनाएँ अर्पित की।

 








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