2015-05-18 16:22:00

ख्रीस्त के सभी अनुयायी पुनरुत्थान का साक्ष्य देने के लिए बुलाये गये हैं


वाटिकन सिटी, सोमवार, 18 मई 2015 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 17 मई को येसु के स्वर्गारोहण महापर्व के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने समारोही पावन ख्रीस्तयाग अर्पित कर कलीसिया की चार धर्मसमाजी महिलाओं की संत घोषणा की।

उन्होंने प्रवचन में कहा, ″प्रेरित चरित से लिया गया पाठ हमें बताता है कि आरम्भिक कलीसिया ने किस प्रकार यूदस के स्थान पर ईश्वर द्वारा चुने गये व्यक्ति को प्रेरितों की मंडली में नियुक्त किया।″ संत पापा ने कहा कि यहाँ नौकरी नहीं सेवा की बात है। उन्होंने कहा, ″निश्चय ही, मथियस जो चुना गया उन्होंने एक प्रेरिताई प्राप्त की जिसे संत पेत्रुस यों परिभाषित करते हैं, ″इसलिए उचित है कि जितने समय तक प्रभु ईसा हमारे बीच रहे, अर्थात् योहन के बपतिस्मा से ले कर प्रभु के स्वर्गारोहण तक जो लोग बराबर हमारे साथ थे, उन में से एक हमारे साथ प्रभु के पुनरुत्थान का साक्षी बनें''। इस पर इन्होंने दो व्यक्तियों को प्रस्तुत किया-यूसुफ को, जो बरसब्बास कहलाता था और जिसका दूसरा नाम युस्तुस था, और मथियस को।″ (प्रे.च.1꞉21-23)

इस प्रकार पेत्रुस बारहों के बीच हिस्सा लेने के अर्थ की समीक्षा करते हैं। इसका अर्थ है येसु के पुनरुत्थान का साक्ष्य। वास्तव में ‘हमारे साथ’ रहना याद दिलाता है कि पुनर्जीवित ख्रीस्त का प्रचार अकेले का काम नहीं है, इसे समुदाय में किया जाना चाहिए। प्रेरितों एवं स्थानीय समुदाय में। प्रेरितों को ख्रीस्त के पुनरुत्थान का प्रत्यक्ष और अपरिहार्य अनुभव प्राप्त था। इस घटना को उन्होंने अपनी आँखों से देखा था। उनके इस अधिकारिक साक्ष्य द्वारा बहुतों ने पुनर्जीवित ख्रीस्त में विश्वास किया। इस प्रकार ख्रीस्तीय समुदाय की स्थापना हुई और अब भी विस्तार जारी है।

संत पापा ने कहा कि आज हमारा विश्वास भी प्रेरितों द्वारा पुनर्जीवित ख्रीस्त के साक्ष्य पर टिका है जो कलीसिया की प्रेरिताई द्वारा हम तक पहुँचा। हमारा विश्वास उन्हीं के साक्ष्य पर एक अटूट श्रृंखला द्वारा दृढ़तापूर्वक सदियों से जुड़ा है न केवल प्रेरितों के उतराधिकारियों द्वारा किन्तु पीढ़ी दर पीढ़ी ख्रीस्तीय समुदाय के माध्यम से भी।

संत पापा ने कहा कि उन्हीं प्रेरितों की तरह ख्रीस्त के सभी अनुयायी पुनरुत्थान का साक्ष्य देने के लिए बुलाये गये हैं ख़ासकर ऐसे लोगों के बीच जहाँ लोग ईश्वर को भूल रहे हैं तथा जहाँ भ्रांति की स्थिति स्पष्ट नजर आती है।

संत पापा ने कहा कि ऐसी परिस्थिति में भी हमें पुनर्जीवित ख्रीस्त तथा उसके प्रेम में बने रहना है जैसा कि संत योहन हमें अपने प्रथम पत्र में याद दिलाते हैं, ″इस प्रकार हम अपने प्रति ईश्वर का प्रेम जान गये और इस में विश्वास करते हैं। ईश्वर प्रेम है और जो प्रेम में दृढ़ रहता है, वह ईश्वर में निवास करता है और ईश्वर उस में।″ (1यो. 4꞉16) येसु ने अपने चेलों से बार बार कहा था, ″ तुम मुझ में रहो और मैं तुम में रहूँगा। जिस तरह दाखलता में रहे बिना डाली स्वयं नहीं फल सकती, उसी तरह मुझ में रहे बिना तुम भी नहीं फल सकते। मैं दाखलता हूँ और तुम डालियाँ हो। जो मुझ में रहता है और मैं जिसमें रहता हूँ वही फलता है क्योंकि मुझ से अलग रहकर तुम कुछ भी नहीं कर सकते। यदि कोई मुझ में नहीं रहता तो वह सूखी डाली की तरह फेंक दिया जाता है। लोग ऐसी डालियाँ बटोर लेते हैं और आग में झोंक कर जला देते हैं। यदि तुम मुझ में रहो और तुम में मेरी शिक्षा बनी रहती है तो चाहे जो माँगो, वह तुम्हें दिया जायेगा। मेरे पिता की महिमा इस से प्रकट होगी कि तुम लोग बहुत फल उत्पन्न करो और मेरे शिष्य बने रहो। जिस प्रकार पिता ने मुझ को प्यार किया है, उसी प्रकार मैंने भी तुम लोगों को प्यार किया है। तुम मेरे प्रेम में दृढ़ बने रहो। (यो.15꞉4-9)

संत पापा ने संतों के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा, ″यही संतों के जीवन का रहस्य है, ख्रीस्त से संयुक्त, दाखलता की डाली की तरह उनसे जुड़कर बहुतायत में फल लाना।( यो. 15꞉1-8) और यह फल कोई दूसरा नहीं किन्तु प्रेम ही है। प्रेम का यह साक्ष्य विल्लेनेयूवे की धर्मबहन जेन्ने ईमिली में प्रकट होता है जिन्होंने अपना जीवन ईश्वर तथा ग़रीब, बीमार, कैदी तथा शोषित लोगों के लिए समर्पित किया था। वे पूरी तरह उनकी हो गयी थी तथा उन्होंने उनके समक्ष प्रभु के करूणावान प्रेम का ठोस प्रमाण दिया।

संत पापा ने कहा कि पुनर्जीवित ख्रीस्त के साथ संबंध एक ऐसा वातावरण उत्पन्न करता है जिसमें एक ख्रीस्तीय जीता तथा कठिनाईयों एवं ग़लतफ़हमी के बीच भी सुसमाचार में विश्वास का बल प्राप्त करता है।

आज के दूसरे संत के जीवन पर प्रकाश डालते हुए संत पापा न कहा, ″‘प्रेम में बने रहो’, धर्मबहन मरिया ख्रीस्तीना ब्रांडो ने यही किया। उन्होंने प्रभु के प्रेम के लिए अपने आपको पूरी तरह समर्पित कर दिया। अपनी प्रार्थनाओं एवं यूखरिस्तीय संस्कार में प्रभु के साथ अंतरंग मुलाकात द्वारा कष्टों को सहने का बल पाकर, उन्होंने तोड़ी गयी रोटी की तरह अपने आपको उन लोगों के लिए अर्पित किया जो प्रभु से दूर चले गये थे तथा सच्चे प्रेम के भूखे थे।″

संत पापा ने पुनर्जीवित ख्रीस्त के प्रचार हेतु अनिवार्य पहलू की जानकारी देते हुए कहा कि यह ‘आपसी एकता’ है। उन्होंने कहा कि उनके शिष्यों की एकता, पिता के साथ उनकी एकता का दृश्यमान चिन्ह होना चाहिए। सुसमाचार पाठ हम दुःखभोग की पूर्व संध्या येसु द्वारा की गयी प्रार्थना को सुनते हैं, ″परमपावन पिता! तूने जिन्हें मुझे सौंपा है, उन्हें अपने नाम के सामर्थ्य से सुरक्षित रख, जिससे वे हमारी ही तरह एक बने रहें।″( यो.17꞉11) पिता और पुत्र के बीच का यही अनन्त प्रेम पवित्र आत्मा के माध्यम से हमारे हृदयों में डाला गया है (रोम.5꞉5) जिससे हमारे मिशन एवं भ्रातृत्वपूर्ण एकता को बल प्राप्त होता है। उनका यह प्रेम हमारे आनन्द का वह अनन्त स्रोत है जो उनकी गरीबी, ब्रह्मचर्य और आज्ञाकारिता के रास्ते पर चलने से प्राप्त होती है तथा यह प्यार हमें चिंतन प्रार्थना में बढ़ने हेतु प्रेरित करती है। धर्मबहन मरियम बौराडी ने इसे विशेष रूप से अनुभव किया था यद्यपि वह गरीब और अशिक्षित थी तथापि वह दूसरों को परामर्थ देने में समर्थ थी तथा पवित्र आत्मा की निरन्तर प्रेरणा से उन्होंने बहुत ही स्पष्ट रूप में ईश शास्त्रीय व्याख्या प्रस्तुत किया। पवित्र आत्मा के प्रति उदारता ने उन्हें लोगों से मुलाकात करने का माध्यम बनाया, विशेषकर, मुसलमानों के बीच। चौथी धर्मबहन के बारे संत पापा ने कहा कि सि. मेरी अल्फोंसीन दनिल घाट्टास ने यह अच्छी तरह समझ लिया था कि प्रेरिताई में ईश्वर के प्रेम का  अर्थ क्या है। उन्हें विनम्रता एवं एकता के साथ कार्य करना भी मालूम था। वे हमें एक-दूसरे के प्रति उत्तरदायी बनने एवं सेवा के जीवन में एक-दूसरे के साथ जीने का महत्व सिखलाती हैं।

संत पापा ने कहा कि ईश्वर से संयुक्त तथा उनके प्रेम में बने रहकर हम अपने वचन और कर्म से पुनर्जीवित ख्रीस्त का प्रचार करें। हम एक दूसरे के साथ जीते हुए सभी की भलाई करें। यही आज की हमारी चारों संतों ने किया। उनका जीता जागता उदाहरण एक ख्रीस्तीय के रूप में हमें चुनौती देता है। मैं किस प्रकार पुनर्जीवित ख्रीस्त का साक्ष्य देता हूँ? मैं किस प्रकार उनके साथ संयुक्त हूँ? उनके प्रेम को मैं किस प्रकार जीती हूँ? एकता का बीज जो त्रियेक ईश्वर द्वारा प्रदान किया गया है उसे मैं अपने परिवार, कार्य स्थल और अपने समुदाय में किस प्रकार बोता हूँ?  

संत पापा ने सभी विश्वासियों से कहा कि जब आप वापस घर जाएँ तो अपने साथ पुनर्जीवित ख्रीस्त से मुलाकात करने के आनन्द को समेट कर वापस जाएँ। हम ख्रीस्त के प्रेम से संयुक्त रहने का प्रण करें। हम ख्रीस्त की एकता तथा आपस में एक दूसरे के साथ सदा बने रहें तथा पवित्रता की आदर्श इन चार संतों के पद्चिन्हों पर चलें जिन्हें कलीसिया आज हमारे सामने प्रस्तुत कर रही है।

 

 

 








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