2015-05-15 11:19:00

39 भारतीयों का पता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे, सुष्मा स्वराज


ईराक, शुक्रवार, 15 मई 2015 (ऊकान)꞉ ईराक से भारत वापस लौटे पंजाब के एक व्यक्ति ने कथित तौर पर दावा किया है कि दो साल पहले रोज़गार की तलाश में ईराक गए भारत के 39 लोगों को आई. एस. आई. एस. ने गोली मार कर हत्या कर दी है।

वर्ष 2014 में आई. एस. आई. एस. के चंगुल से बचकर पंजाब लौटे 25 वर्षीय हरजित मसीह ने पत्रकारों से कहा कि आतंकवादियों ने 39 भारतीयों पर हमला कर उन्हें मार दिया है। जिनमें से अधिकतर लोग पंजाब के थे। 

ऊका समाचार अनुसार हरजीत मसीह ने कहा, ″आई एस आई एस के आतंकवादी आकर हमें अपहरण कर लिये तथा किसी दूसरे स्थान पर ले गये। हम कुल 40 भारतीय और 50 बंगलादेशी थे। उन्होंने हमें आश्वासन दिया  कि जब हमारा पासपोर्ट आयेगा तो हमें भारत जाने की छूट दे दी जाएगी।″

उसने कहा, ″वहाँ उन्होंने हमें एक दूसरे दल (आतंकवादी) को सौंप दिया जिन्होंने हमें वहाँ से दूसरे स्थान ले गये। बाद में उन्होंने हमें एक कमरे में बंद कर दिया तथा गोलियाँ चलानी शुरू कर दी। मेरे अगल-बगल के सभी लोग गिर गये, मैं चुपचाप पड़ा रहा तथा बाद में वहाँ से भाग निकला।″

भारत की विदेश मंत्री सुष्मा स्वराज ने कहा है कि उन्हें इस दावे पर विश्वास नहीं है। सरकार को अपने सूत्रों पर भरोसा है।

उन्होंने नई दिल्ली में मसीह के दावे का खंडन किया तथा कहा कि उनके सूत्रों ने किसी भारतीय के मृत होने की जानकारी नहीं दी है।

सुष्मा स्वराज ने लापता लोगों के परिजनों से मुलाकात करने के पश्चात् पत्रकारों से कहा, ″हम उन्हें ढ़ँढ़ने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे। हमें आशा है कि हम उनका पता लगा पायेंगे तथा उन्हें घर वापस ला पायेंगे। हमारे आठ विभिन्न स्रोत हैं जिनका कहना है कि वे अब भी जीवित हैं।″

उन्होंने कहा कि मसीह की बातों पर विश्वास करने का कोई ठोस कारण नहीं है उसकी बातों पर विश्वास करने का अर्थ है हमारे खोज का अंत। हम आशा गँवाना नहीं चाहते तथा हम पुष्टि का इंतजार कर रहे हैं।

विदित हो कि परिजनों ने बृहस्पतिवार को नई दिल्ली में सुष्मा स्वराज एवं चंडीगढ़ में अन्य मंत्रियों से मुलाकात कर ईराक में अपने रिश्तेदार के फंसे होने की खब़र ली।

 

 








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