2015-05-11 15:44:00

प्रेम करने का निमंत्रण


वाटिकन सिटी, सोमवार, 11 मई 2015 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 10 मई को, संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया। स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, ″अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात,
आज का सुसमाचार पाठ जो संत योहन रचित सुसमाचार के 15 वें अध्याय से लिया गया है, हमें वापस ऊपरी कमरे में ले चलता है जहाँ हम येसु की नयी आज्ञा को सुनते हैं, ″मेरी आज्ञा यह है जिस प्रकार मैंने तुम लोगों को प्यार किया, उसी प्रकार तुम भी एक-दूसरे को प्यार करो।″ (पद.12)
संत पापा ने कहा कि यह प्रेम हमें येसु के क्रूस बलिदान का स्मरण दिलाता है, ″इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं कि कोई अपने मित्रों के लिये अपने प्राण अर्पित कर दे। यदि तुम लोग मेरी आज्ञाओं का पालन करते हो, तो तुम मेरे मित्र हो।″(पद.13-14) 
संत पापा ने कहा, ″अंतिम ब्यारी में कहा गया ये शब्द येसु के पूरे संदेश का सारांश है वास्तव में यह उन सभी कार्यों का संक्षेपण है जिसको उन्होंने सम्पन्न किया। येसु ने अपने मित्रों के लिए अपना जीवन अर्पित किया। जिन मित्रों ने महत्वपूर्ण समय में उसे नहीं समझा उन्होंने येसु को त्यागा, उनके साथ विश्वासघात किया तथा उन्होंने अस्वीकार किया। इससे पता चलता है कि उन्होंने हमें तब भी प्यार किया जब हम इसके अयोग्य थे।
इस प्रकार, येसु हमें प्रेम के रास्ते पर चलना सिखाते हैं। उनकी आज्ञा साधारण नियम नहीं है जो जीवन के संबंध में अमूर्त या बाहरी होती है। ख्रीस्त की आज्ञा नवीन है क्योंकि उन्होंने उसे स्वयं पालन किया है तथा इसके कारण अपना शरीर अर्पित किया है अतः प्रेम का नियम मानव के हृदय में एक बार किन्तु हमेशा के लिए लिखा गया है। यह पवित्र आत्मा की आग से लिखा गया है उन्हीं की आत्मा से जिससे कि हम भी उस राह पर चल सकें।
संत पापा ने कहा कि यह एक ठोस रास्ता है एक ऐसा रास्ता जो हमें अपने आप से ऊपर उठकर दूसरों तक पहुँचने में मदद करता है। येसु हमें प्रकट करते हैं कि ईश्वर के प्रति प्रेम, पड़ोसी को किये गये प्रेम में द्वारा व्यक्त होता है। वे दोनों साथ-साथ चलते हैं। सुसमाचार के पन्ने इन्हीं प्रेम की बातों से भरे हैं, बच्चे और युवा, शिक्षित और अशिक्षित, धनी और गरीब, धर्मी और पापी सभी ख्रीस्त के हृदय में स्वागत किये जाते हैं। 
इस प्रकार, ईश वचन हमें एक दूसरे से प्रेम करने का निमंत्रण देता है यद्यपि हम कई बार एक दूसरे को नहीं समझ पाते हों, एक दूसरे के साथ नहीं आ पाते हों किन्तु वही वह स्थान है जहाँ हम ख्रीस्तीय प्रेम को देखते हैं। यह प्यार उस परिस्थिति में प्रकट किया जा सकता है जब लोगों के बीच आपसी मतभेद हो, स्वभाव में अंतर हो किन्तु प्रेम इन भिन्नताओं से बढ़कर है। 
यही प्रेम जिससे येसु ने हमें सिखलाया है नये प्रकार का प्रेम है क्योंकि येसु ने उदाहरण दिया है तथा पवित्र आत्मा ने परिष्कृत किया है। यह मुक्तिदायी तथा स्वार्थ रहित प्रेम है। यह प्यार हमारे हृदय को आनन्दित करता है जैसा कि येसु स्वयं कहते हैं, ″मैंने तुम लोगों से यह इसलिये कहा है कि तुम मेरे आनंद के भागी बनो और तुम्हारा आनंद परिपूर्ण हो।″(पद 11)
ख्रीस्त के प्रेम के कारण ही पवित्र आत्मा हम पर उंडेला गया ताकि वह कलीसिया और विश्व में प्रत्येक दिन अदभुद वस्तुओं को प्रकट करे। दुनिया में छोटी बड़ी कई चीजें है जो प्रभु की आज्ञा मानती हैं, ″एक-दूसरे को प्यार करो जैसे मैंने तुम्हें प्यार किया है।″(यो. 15꞉12) वयोवृद्धों, बच्चों, रोगग्रस्त, एकाकी, निराश, बेघर, बेरोजगार, प्रवासी तथा शरणार्थी को छोटे छोटे चिन्हों द्वारा अपना प्रेम प्रदर्शित कर, हम उनके करीब आ सकते हैं। इन कार्यों द्वारा ख्रीस्त का प्रेम प्रदर्शित होता है जिसकी शिक्षा उन्होंने हमें दी है।
धन्य कुवाँरी मरियम हमारी मदद करे क्योंकि हमारे दैनिक जीवन में ईश्वर के प्रति प्रेम तथा पड़ोसियों के प्रति प्रेम दो एक-दूसरे से जुड़े हैं।
इतना कह कर संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पश्चात् उन्होंने देश-विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।
सृष्टि की सुन्दरता का सम्मान करने हेतु जंगल विभाग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय प्राकृतिक संसाधन दिवस के सदस्यों, स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु इताली धर्माध्यक्षीय सम्मेलन द्वारा प्रयोजित संस्था के प्रतिनिधियों, ब्रेस्ट कैंसर के रोक थाम हेतु कार्यरत संस्था ‘कोमेन इटली’ तथा जीवन समर्थक दल सं सभी सदस्यों का संत पापा ने अभिवादन किया। 
उन्होंने कहा, ″जीवन की रक्षा तथा उसके प्रोत्साहन के लिए कार्य करना अत्यन्त महत्वपूर्ण है।″ संत पापा ने विश्व माता दिवस की याद दिलाते हुए कहा, ″कई देश आज माताओं का दिवस मनाते हैं। हम सभी माताओं को कृतज्ञता एवं स्नेह पूर्वक याद करते हैं। संत पापा ने संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में उपस्थित सभी माताओं को सम्बोधित कर कहा, यहाँ भी माताएँ उपस्थित हैं, हम उनके लिए तालियाँ दें, ये ताली हमारी प्यारी माताओं का आलिंगन करता है शारीरिक माताओं के साथ आध्यात्मिक माताओं का भी। ईश्वर उन्हें आशीष प्रदान करे तथा माता मरिया हमारी रक्षा करें जिन्हें यह महीना समर्पित है।
अंत में संत पापा ने प्रार्थना का अनुरोध करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।







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