2015-05-11 15:52:00

अन्धेरी चर्च को सरकार वापस करे


मुम्बई, सोमवार 11 मई, 2015  (उकान): मुम्बई के काथलिक धर्मानुयायी अन्धेरी उपनगर के सीप्ज़ स्थित 500 वर्ष प्राचीन काथलिक गिरजाघर को, महाराष्ट्र औद्योगिक विकास कॉरपोरेशन क्षेत्र से मुक्त कराने की माँग की गयी है।

स्थानीय पल्लीवासियों ने मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडनवीस को एक ज्ञापन देकर माँग की है उस प्राचीन प्रार्थनालय को ईसाइयों को सौंप देँ।

काथलिकों के अनुसार सीमित पहुँच एवं उपेक्षा के कारण सीप्ज़ का गिरजाघर एक जीर्ण-शीर्ण हालत में है जो प्रति वर्ष मई माह के दूसरे रविवार को खोला जाता है। इस वर्ष रविवार 10 मई को 2000 से अधिक काथलिक श्रद्धालुओं ने गिरजाघर में प्रार्थनाएँ अर्पित कीं।

इस बीच, सेन्ट जॉन बैपटिस्ट चर्च सुरक्षा समिति, बॉम्बे इस्ट इन्डियन असोसियेशन तथा मरोल नागरिक मंच के सदस्यों ने गिरजाघर की सुरक्षा के लिये एक जनहित याचिका (पीआईएल) दायर करने का फैसला किया है।


स्थानीय पल्ली समिति के सदस्य श्री गोडफ्रे पिमेन्टा ने बताया कि सरकार ने एक समिति बनायी थी जिसने यह सिफ़ारिश की थी कि जून 2014 मैं चर्च को मुम्बई महाधर्मप्रांत को दे दिया जाये और इसके जीर्णोधार की ज़िम्मेदारी सरकार करेगी।

सेन्ट जॉन बैपटिस्ट चर्च सुरक्षा समिति के अध्यक्ष निकोलस अलमेडा ने कहा, “कई प्रभावशाली लोग महाराष्ट्र औद्योगिक विकास कॉरपोरेशन, एमआईडीसी, क्षेत्र से अपनी जायदाद वापस पाने में कामयाब रहे हैं जबकि काथलिक धर्मानुयायियों का आराधना स्थल सीप्ज़ गिरजाघर अभी भी उनके कब्ज़े में है।”

विदित हो सन् 1579 ई. में पुर्तगाली मिशनरियों ने गिरजाघर का निर्माण करवाया था जो अब एक धरोहर बन गया है। एक महामारी के प्रकोप के बाद सन् 1840 ई. में गिरजाघर खाली कर दिया गया था तथा मरोल में एक नये गिरजाघर का निर्माण किया गया था।

हालांकि, स्थानीय लोग सन् 1970 तक इस गिरजाघर में प्रार्थनाएं अर्पित करने आया करते थे। सन् 1970 ई. में ही एमआईडीसी ने गिरजाघर को अपने कब्ज़े में लेकर इसमें प्रवेश सीमित कर दिया था।

विरोधों के बाद महाराष्ट्र सरकार ने वर्ष में केवल एक बार गिरजाघर में प्रवेश की अनुमति प्रदान की है।

 

 








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