वाटिकन सिटी, शनिवार, 9 मई 2015 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने इस्राएल में नेयो-कटेक्यूमेनल वे द्वारा गलीलिया में आयोजित रब्बी, कार्डिनलों तथा धर्माध्यक्षों की पहली अंतरराष्ट्रीय संयुक्त सभा को एक संदेश प्रेषित कर, सभा को आपसी भाईचारा की भावना में बढ़ने का महत्वपूर्ण अवसर कहा।
उन्होंने संदेश में कहा, ″मैं आशा करता हूँ कि सभा भाईचारा के संबंध को मजबूत करने, एक दूसरे के साथ विचार आदान-प्रदान करने एवं संगीत की भाषा द्वारा निर्दोष लोगों की आवाज के प्रति जागरूकता लाने में अपने समर्पण को सुदृढ़ता प्रदान करने का सुन्दर अवसर रहा।″
संत पापा ने दुःख झेल रहे लोगों के लिए सभा के सदस्यों के साथ मिलकर प्रार्थना करने का आश्वासन दिया, ″आप सभी के साथ एकजुट होकर मैं प्रार्थना करता हूँ कि ईश्वर निर्दोष लोगों की आवाज तथा दुःख सह रहे लोगों के घावों को चंगा करे एवं दुनियाभर के निर्दोष लोगों के प्रति अधिक उदार लोग सामने आ सकें।″
चार दिनों की सभा में प्रतिभागियों ने कई विषयों पर विचार किया, विशेष कर, आज के युग में काथलिकों एवं यहूदियों के मिशन की चुनौंतियाँ।
इस्राएल के गलीलिया में आयोजित इस सभा के दो मुख्य कारण थे, द्वितीय वाटिकन महासभा के संविधान नोस्त्रा अएताते के 50 वर्ष पूरा होना तथा द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के 70 वर्ष पूरा होना। मई 4 से 7 तक आयोजित इस सभा में 120 रब्बी, 7 कार्डिनल, 25 धर्माध्यक्ष तथा 50 पुरोहितों भाग लिया।
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