2015-05-05 12:12:00

ईराक संकट पर अन्तरराष्ट्रीय मौन है विश्वासघात, कार्डिनल सान्द्री


ईराक, दुहोक, मंगलवार, 5 मई 2015 (सेदोक): वाटिकन के वरिष्ठ कार्डिनल लेओनार्दो सान्द्री ने कहा है कि ईराक संकट पर अन्तरराष्ट्रीय समुदाय का मौन एक घोर विश्वासघात है।

पूर्वी रीति की कलीसियाओं के लिये गठित परमधर्मपीठीय समिति के अध्यक्ष कार्डिनल लेओनार्दो सान्द्री इस समय ईराक की यात्रा पर हैं। सोमवार को कार्डिनल सान्द्री ने उत्तरी ईराक के कुर्दीस्तान क्षेत्र के दुहोक में खलदेई ख्रीस्तीय समुदाय से मुलाकात कर इनके लिये ख्रीस्तयाग अर्पित किया।

इस अवसर पर अपने प्रवचन में कार्डिनल महोदय ने इस बात पर बल दिया कि कठिनाइयों, हिंसा और अत्याचार के बावजूद ईराकी ख्रीस्तीय अपने विश्वास में सुदृढ़ बने रहे।

उन्होंने कहा, "जब मनुष्य ईश्वर में विश्वास का परित्याग कर देता है तब वह ख़ुद अपनी मानवता एवं अपने भाइयों एवं बहनों की मानवता में भी विश्वास खो देता है। मैं जानता हूँ कि मैं उन लोगों के बीच खड़ा हूँ जो मेरे शब्दों का तात्पर्य भली भाँति समझते हैं क्योंकि इन्होंने स्वयं दुःख भोगा है तथा अन्यों के विश्वासघात को सहा है।"

कार्डिनल सान्द्री ने कहा, "ईराक के ख्रीस्तीयों ने उन लोगों के विश्वासघात को सहा जो सम्भवतः एक दिन पहले तक उनके भाई बहन थे और दूसरे दिन ही उन्होंने उनके घरों और उनमें जो कुछ था उसे जब्त कर लिया था, महिलाओं का यौन शोषण किया तथा किशोरियों एवं बालिकाओं को अपनी हवस का शिकार बनाया। उन लोगों के विश्वासघात को ईराकी लोगों ने सहा जिन्होंने उनके आराधना स्थलों को ध्वस्त कर दिया तथा शांति की जगह उन्हें हिंसा और मौत के स्थलों में परिणित कर दिया।"

उन्होंने कहा कि इससे भी अधिक पीड़ा ईराकी लोगों को अन्तरराष्ट्रीय समुदाय के मौन से हुई। उन्होंने कहा, "उस दीर्घकालीन मौन से ईराकी लोगों के विश्वास को चोट लगी जिसे अन्तरराष्ट्रीय समुदाय ने धारण कर रखा है। साथ ही ईराकी राष्ट्रीय एवं प्रान्तीय सुरक्षा बलों के विश्वासघात ने भी उन्हें अत्यधिक कष्ट पहुँचाया है जिन्होंने आरम्भ में सुरक्षा की गारंटियाँ दी थी।" 

कार्डिनल सान्द्री ने आशा व्यक्त की उनकी ईराक यात्रा पश्चिमी देशों के अन्तःकरणों को जागृत कर ईराक की सुरक्षा एवं पुनर्निर्माण में योगदान सिद्ध होगी।  








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