2015-05-04 15:57:00

येसु के साथ बने रहें


वाटिकन सिटी, सोमवार 4 मई, 2015 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने रविवार 3 मई को रोम के निकट ओस्तिया में ‘रेजिना पाचिस’ (शांति की रानी) नामक पल्ली में यूखरिस्तीय बलिदान चढ़ाया।

अपने प्रवचन में संत पापा ने हमारे साथ रहिये शब्दों पर बल दिया।

उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय जीवन का अर्थ है ‘येसु के साथ बने रहना’। येसु के साथ बने रहने का अर्थ है ‘येसु से एक हो जाना’, उससे जीवन पाना और उसके प्रेम अर्थात् पवित्र आत्मा को ग्रहण करना।

संत पापा ने कहा कि जीवन की प्रज्ञा उस अनुभव से आती है जो धैर्य से प्राप्त होती है। हमारे परिवारों में बुजूर्ग अपने जीवन से प्राप्त प्रज्ञा को पीढ़ी दर पीढ़ी बाँटते हैं।

उन्होंने कहा कि बीमार, दुःखित और पीड़ित - येसु के समान हैं जो येसु के साथ दुःख उठाते हैं और येसु के समान ही अपना क्रूस ढोते हैं । इस तरह से  वे भाग्यशाली हैं।

संत पापा ने बच्चों की ओर भी इंगित करते हुए कहा कि बच्चे प्रज्ञा प्राप्त कर धैर्यपूर्वक जीवन को आगे बढ़ाते हैं।

संत पापा ने माता – पिताओं से कहा कि वे इस बात को ध्यान दें कि उनके बच्चे बपतिस्मा संस्कार के बाद गिरजा से दूर न चले जायें। बपतिस्मा विश्वासपूर्ण जीवन की शुरुआत है जिसे बच्चे अपने माता-पिता से प्राप्त करते हैँ।

उन्होंने उन्हें सलाह दी कि वे अपने बच्चों के साथ चलें उनके विश्वास को मजबूत करें और उन्हें पल्ली के करीब ही रखें।

संत पापा ने ओस्तिया स्थित पल्ली में मेलमिलाप संस्कार में भी हिस्सा लिया। 








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