2015-05-01 15:38:00

भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति


नयी दिल्ली, शुक्रवार 1 मई, 2015 (उकान) अमेरिका की अन्तरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता आयोग (सीआईआरएफ) की रिपोर्ट के अनुसार भारत में धार्मिक स्वतंत्रता की स्थिति ख़राब है।

कमीशन फॉर इंटरनैशनल रेलिजियस फ्रीडम की रिपोर्ट में कहा कि भारत ख्रीस्तीय,मुस्लिम और सिक्ख जैसे अल्पसंख्यकों को स्वतंत्रता देने में असफल रहा है। अल्पसंख्यकों पर लगातार आक्रमण होते रहे हैं और यहाँ  " दंड मुक्ति " का वातावरण है।

आयोग के अनुसार धार्मिक स्वतंत्रता के मामले में भारत को अफगनिस्तान, कज़ाकिस्तान और लाओस जैसे लोगों के साथ रखा गया है। 

रिपोर्ट के अनुसार हाल के वर्षों में अल्पसंख्यकों पर आक्रमणों में वृद्धि देखी गयी है विशेष करके सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा अपमानजनक टिप्पणियों के कारण।

आयोग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अल्पसंख्यकों पर आक्रमण के बारे में रिपोर्ट दर्ज़ कराने में सरकार और स्थानीय पुलिस को कोई रुचि नहीं। स्थानीय पुलिस ऐसे मामलों को दर्ज़ ही नहीं करते और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की कोई चिंता ही नहीं करते।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अल्पसंख्यकों को खिलाफ हुए अपराधों की सज़ा नहीं मिलने पर अपराधियों का हौसला बढ़ता है, घृणा का वातावरण बन जाता है और हिंसा की पुनरावृत्ति होती है।  

आयोग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए हुए बीजेपी नेता विनय कटियार ने कहा कि रिपोर्ट ‘पक्षपातपूर्ण’ है और अल्पसंख्यकों को कोई समस्या नहीं है। भारत के अल्पसंख्यक संविधान के अनुसार धार्मिक स्वतंत्रता से लाभान्वित हैं।

विदित हो हाल ही में 6 गिरजाघरों में हिन्दुओं ने हमले किये और कई ख्रीस्तीय विरोधा हमले भी होते रहे। कोलकाता में एक बुजूर्ग धर्मबहन के साथ बलात्कार भी हुआ। 
 








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