2015-05-01 15:54:00

कूरसिल्लो के सदस्यों से संत पापा की मुलाक़ात


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 1 मई, 2015 (शुक्रवार) संत पापा फ्राँसिस ने बृहस्पतिवार शाम वाटिकन स्थित संत पौल षष्टम् सभागार में ‘कुरसिल्लो’ नामक ख्रीस्तीय आन्दोलन के सदस्यों से मुलाक़ात की।

कूरसिल्लो एक काथलिक आन्दोलन है जिसकी स्थापना स्पेन के महोरका में सन् 1944 ईस्वी में लोकधर्मियों के द्वारा हुई थी।

कूरसिल्लो आन्दोलन के सदस्यों को संबोधित करते हुए संत पापा ने कहा कि वे येसु के असीम प्रेम का अनुभव करते हुए विश्वास के रास्ते में साहसपूर्वक आगे बढ़ें।

उन्होंने कहा कि वे कूरसिल्लो संगठन के लोगों को इस बात के लिये प्रोत्साहन देना चाहते हैं कि वे अपने संगठन के सिद्धांतों के प्रति वफ़ादार रहें, अपने जोश को जीवित रखें और अपने दिल में  पवित्र आत्मा से प्रेरणा पायें। यह उन्हें जो इस बात की प्रेरणा देगा कि वे अपने आरामदायक जीवन को छोड़कर बाहर आयेंगे और लोगों की सेवा करेंगे।

संत पापा ने कूरसिल्लो के सदस्यों को इस बात के लिये प्रोत्साहन दिया कि वे अपने संघ के सिद्धांतों और विशिष्ट गुणों के अनुसार अपना जीवन बितायें। अपने विश्वास को मजबूत करें, ईश्वरीय कृपा का अनुभव करें और नम्रतापूर्वक येसु के पथ में चलें।

संत पापा आशा जतायी कि निश्चय ही ख्रीस्त का असीमित प्रेम उन्हें स्वतंत्र करेगा और उनके जीवन को बदल डालेगा।

विदित हो कि कूरसिल्लो आन्दोलन की विशेषता है कि यह प्रभावशाली ख्रीस्तीय नेतृत्व देने के लिये सतत् प्रयास करती रही है। इस संगठन में 7 हज़ार कूरसिल्लो सदस्य हैं।

 








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