2015-04-28 16:08:00

ख्रीस्तीय जीवन यादगारी हेतु कोई संग्रहालय नहीं


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 28 अप्रैल 2015 (वीआर सेदोक)꞉ ″पवित्र आत्मा के बिना सत्य को परखना मुश्किल।″ यह बात संत पापा फ्राँसिस ने मंगलवार 28 अप्रैल को, वाटिकन स्थित प्रेरितिक आवास संत मर्था के प्रार्थनालय में पावन ख्रीस्तयाग अर्पित करते हुए प्रवचन में कही।

प्रवचन में संत पापा ने प्रेरित चरित से लिए गये पाठ पर चिंतन किया जहाँ प्रेरितों ने पहली बार सुसमाचार का प्रचार करना आरम्भ किया था।

उन्होंने कहा, ″आज भी हमें प्रेरितिक उत्साह की आवश्यकता है ताकि हम ख्रीस्तीय जीवन को यादगारी हेतु संग्रहालय न बनायें।″

संत पापा ने कहा, ″येसु के शिष्यों ने अंतियोख में सुसमाचार का प्रचार करना आरम्भ किया। उन्होंने न केवल यहूदियों के बीच किन्तु यूनानी तथा अन्य जातियों के बीच भी सुसमाचार का प्रचार किया जिसके कारण बहुतों ने प्रभु पर विश्वास किया।″ संत पापा ने पवित्र आत्मा के कार्यों पर आश्चर्य व्यक्त करते हुए कहा कि कलीसिया का जीवन पवित्र आत्मा द्वारा विचित्र रूप से संचालित होता है। उस समय भी ग़ैर-यहूदियों के बीच सुसमाचार प्रचार को लेकर चेलों में मतभेद था किन्तु अंतियोख के बर्नाबस ने यह विश्वास किया कि उन लोगों का ख्रीस्तीय धर्म स्वीकार करना, ईश्वर का ही कार्य था।

संत पापा ने कहा कि यद्यपि कई वर्षों पहले भविष्य वाणी की गयी थी कि ईसा लोगों को बचाने हेतु आनेवाले हैं किन्तु इस कथन को बहुतों ने नहीं समझ पाया।

उन्होंने कहा, ″वे यह समझने में असमर्थ रहे कि ईश्वर सभी समाचारों के ईश्वर हैं।″ संत पापा ने कहा कि सभी कार्यों को आगे ले चलने वाले पवित्र आत्मा का भी आगमन हो चुका है। कलीसिया के जीवन में हमने कई घटनाओं को देखा हैं जहाँ पवित्र आत्मा हमें आश्चर्यचकित करते हैं।

संत पापा ने कहा कि समाचार अनेक हैं किन्तु उनमें से कुछ ईश्वर के हैं और कुछ ईश्वर के नहीं हैं हमें उन दोनों में परख करने की ज़रूरत है। पेत्रुस एवं बर्नाबस दोनों ही पवित्र आत्मा से पूर्ण थे जिसके कारण उन्होंने सत्य को पहचाना। पवित्र आत्मा ही हमें सत्य की परख करने की शक्ति प्रदान करता है क्योंकि हम अपनी बुद्धि से सत्य की परख नहीं कर सकते हैं। वही आत्मा हमें येसु की आवाज को सुनने और पहचानने की शक्ति प्रदान करता है, मेरी भेड़ें मेरी आवाज पहचानती हैं।″

संत पापा ने कहा कि कलीसिया का बढ़ना भी पवित्र आत्मा का ही कार्य है जो हमें ईश्वर की आवाज सुनने में मदद करता है। संत पापा ने पवित्र आत्मा को प्राप्त करने का उपाय बतलाते हुए कहा कि प्रार्थना द्वारा ही हम पवित्र आत्मा को प्राप्त कर सकते हैं।

उन्होंने कहा कि ख्रीस्तीय जीवन यादगारी हेतु कोई संग्रहालय नहीं है। उन्होंने कहा कि हमें परिवर्तन के लिए पवित्र आत्मा से प्रार्थना करने की आवश्यकता है। प्रभु कहते हैं जो उनके शरीर को खाता और उनके रक्त को पीता है वह अनन्त काल तक जीवित रहेगा।

संत पापा ने विश्वासियों को सलाह दी कि वे पवित्र आत्मा की कृपा हेतु प्रार्थना करें जिससे कि हम साहस के साथ ख्रीस्तीय जीवन में आगे बढ़ सकें। 








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