2015-04-20 16:26:00

ईश्वर को खोजें, केवल सांसारिक लाभ नहीं


वाटिकन सिटी, सोमवार 20 अप्रैल, 2015 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 20 अप्रैल को वाटिकन सिटी के सान्ता मार्था अतिथि निवास के प्रार्थनालय में यूखरिस्तीय बलिदान अर्पित करते हुए शहीदों के बलिदान पर चर्चा की।

उन्होंने कहा कि शहीदों का साक्ष्य हमारे विश्वास को शक्ति में बदलने के प्रलोभन से बचने में मदद देता है।

संत पापा ने सोमवार के लिये प्रस्तुत सुसमाचार के आधार पर चिन्तन प्रस्तुत किया जिसमें रोटी और मछली के चमत्कार के बाद भीड़ येसु को देखना चाहती थी। लोग येसु को इसलिये नहीं खोज रहे थे कि उनके चमत्कारों द्वारा ईश्वर की भक्ति में बढ़ें पर इसलिये कि उन्हें और क्या भौतिक लाभ हो।

संत पापा ने लोगों को आगाह किया कि अगर हम येसु के मिशन को ठीक से नहीं समझते हैं तो हम विश्वास में मजबूत होने के बदले सिर्फ़ उसकी शक्ति का लाभ उठाने के प्रलोभन में फँस जायेंगे।

इस तरह की मानसिकता का उदाहरण हम सुसमाचार में कई बार पाते हैं। ज़ेबेदी के पुत्रों ने भी येसु समक्ष ऐसी ही इच्छा व्यक्त की थी कि उन्हें येसु के राज्य में बड़ा पद प्राप्त हो।

येसु का मिशन है ग़रीबों को सुसमाचार सुनाना, बंदियों को मुक्ति देना, अंधों को दृष्टि, शोषितों को मुक्ति और पवित्र वर्ष की घोषणा करना न की पद प्राप्त करने पर केन्द्रित होना।

संत पापा ने कहा कि येसु को भी इसी तरह के प्रलोभनों का सामना करना पड़ा। शैतान ने येसु से रोटी, पद और मूर्तिपूजा का प्रलोभन दिया था।

संत पापा ने कहा कि ईश्वर हमें संतों और शहीदों के द्वारा झकझोरते हैं। वे कहते हैं कि सबकुछ ईश्वर का कार्य है और दुनिया उसी पर विश्वास करे जिसे ईश्वर ने भेजा है। बस उसी पर विश्वास करे और किसी पर नहीं। 

 

 

 

 

 








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