2015-04-13 19:50:00

सहयोग और भ्रातृभाव का वैश्वीकरण चाहिये


वाटिकन सिटी, सोमवार 23 अप्रैल, 2015 (सेदोक,वीआर) पनामा के राष्ट्रपति हुवान कारलोस वारेला रोद्रिगेज द्वारा आयोजित 7वें अमेरिकी राष्ट्र सम्मेलन को दिये संदेश में संत पापा फ्राँसिस ने सामाजिक न्याय अप्रवासी समस्या, धनी और ग़रीब के बीच असमानता आदि विषयों पर जोर दिया।

पनामा में आयोजित दो दिवसीय सम्मेलन को संबोधित करते हुए वाटिकन सिटी के सचिव कार्डिनल पियेतरो पारोलिन ने सम्मेलन की विषयवस्तु "  प्रगति और न्यायसंगतताः अमेरिकी सहयोग की चुनौती " पर अपने विचार प्रस्तुत किया।

संत पापा के संदेश को सम्मेलन में प्रस्तुत करते हुए कार्डिनल पियेतरो पारोलिन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रों में असमानता तथा स्रोतों का असमान वितरण मुख्य चुनौती है और इसके कारण हिंसा और संघर्ष होते रहते हैँ।

संत पापा ने ऐसे सोच की निन्दा की जो मर्यादा और प्रगति के लिये दूसरों का बलिदान करना चाहती है।  ऐसी प्रगति जिसके जड़ में ही अन्याय है, मानव मर्यादा के हित में कदापि नहीं हो सकती है।

उन्होंने कहा कि मानव की मूलभूत ज़रुरतों जैसे - ज़मीन रोज़गार और मकान तथा  सार्वजनिक सेवा स्वास्थ्य, शिक्षा और सुरक्षा की सुविधा से किसी भी मानव को वंचित नहीं रखा जा सकता है।

संत पापा ने इस बात के लिये ख़ेद ज़ाहिर किया कि असमानता और मानव की मर्यादा को क्षति पहुँचाना आज भी जारी है। आज दुनिया को ज़रूरत है सहयोग और भ्रातृभाव के वैश्वीकरण की न कि भेदभाव और उदासीनता के वैश्वीकरण की।

संता पापा ने अमेरिकी नेताओं का ध्यान खींचते हुए कहा कि आर्थिक प्रगति के बावजूद गरीबों और सम्पन्न लोगों के बीच की खाई बढ़ी है।

संत पापा ने नेताओं से आग्रह किया कि वे सार्वजनिक हित के लिये कार्य करें, विकास सेतु बनायें, स्प्रेषण के साधन बनें और आपसी रिश्ते मजबूत करें ताकि गाँव और शहरी क्षेत्रों  दोनों में रहनेवाले का विकास हो।

 

 








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