2015-04-13 16:39:00

थोमस ने ख्रीस्त के पुनरुत्थान के गूढ़ अर्थ को प्रकट किया


वाटिकन सिटी, सोमवार, 13 अप्रैल 2015 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्रांगण में रविवार 12 अप्रैल को, संत पापा फ्राँसिस ने विश्वासियों के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया। स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, ″अति प्रिय भाइयो एवं बहनो,

सुप्रभात,

आज पास्का के बाद आठवाँ दिन है तथा सुसमाचार लेखक संत योहन ऊपरी कमरे में एकत्र शिष्यों को दो बार येसु के दर्शन की घटना का वर्णन करते हैं꞉ पहली घटना, पास्का की संध्या को घटित हुई जब प्रेरित संत थोमस चेलों के बीच उपस्थित नहीं था और दूसरी, उसके एक सप्ताह बाद जब थोमस उपस्थित था।″  

संत पापा ने कहा कि यह पहली बार था जब पास्का के बाद येसु ने अपने शरीर के घाँवों को चेलों को दिखाया तथा उनके ऊपर फूँक कर पवित्र आत्मा प्रदान करते हुए कहा, ″जिस प्रकार पिता ने मुझे भेजा, उसी प्रकार मैं तुम्हें भेजता हूँ।″ (यो.20꞉21) इस प्रकार उन्होंने अपने मिशन को पवित्र आत्मा की शक्ति से प्रेरितों तक हस्तांतरित किया।

उन्होंने कहा, ″उस शाम थोमस अनुपस्थित था जिसके कारण उसने अन्यों के साक्ष्यों पर विश्वास करने से इन्कार किया, ″जब तक मैं उनके हाथों में कीलों का निशान न देख लूँ कीलों की जगह पर अपनी उँगली न रख दूँ और उनकी बगल में अपना हाथ न डाल दूँ, तब तक मैं विश्वास नहीं करूँगा।″ (यो.20꞉25) संत पापा ने कहा आज ही के समान, आठ दिनों बाद, येसु ने अपने को प्रेरितों के बीच पुनः प्रकट कर थोमस को अपनी बगल एवं हाथ का स्पर्श करने का निमंत्रण दिया। पास्का के विश्वास में पूर्णता अर्थात् येसु के पुनरूत्थान में विश्वास दिलाने हेतु अविश्वासी थोमस को उन्हें अपने दुःखभोग के चिन्ह दिखाने पड़े।

संत पापा ने कहा, ″थोमस एक ऐसा व्यक्ति है जो सुनी हुई बात से संतुष्ट नहीं होता किन्तु स्वयं अनुभव पा कर उसे अपना व्यक्तिगत अनुभव बनाना चाहता है। प्रारंभिक कठिनाई और चिंता के बाद अंततः वह विश्वास कर लेता है।″ कठिनाई एवं असुरक्षा के बावजूद नवदीक्षितों का, येसु धैर्यपूर्वक इंतज़ार करते हैं। वे घोषणा करते हैं, ″धन्य हैं वे जो बिना देखे ही विश्वास करते हैं।″( यो.20꞉29) विश्वास करने वालों में प्रथम हैं माता मरिया जिन्होंने प्रेरितों को विश्वास करने में मदद दी।

संत पापा ने कहा, ″पुनर्जीवित प्रभु के घाँवों के मुक्तिदायी स्पर्श के बाद थॉमस स्वयं अपने घाँवों, अपने आँसुओं तथा अपमान को प्रकट करता है और कीलों के निशान में यह पाता है कि प्रभु उससे प्रेम करते थे, उसकी प्रतीक्षा करते थे तथा उसे समझते थे। उसने स्वतः को मधुरता, दया तथा कोमलता से पूर्ण मसीहा के समक्ष पाया। यही वह प्रभु थे जिनकी खोज में वह लगा था क्योंकि आरम्भ से ही उसे ज्ञात था कि ऐसा ही था।

संत पापा ने कहा कि प्रेमी, करूणावान तथा कोमल प्रभु को हम में से कई लोग अपने दिल की गहराई में पाना चाहते हैं क्योंकि हम जानते हैं कि वे हमारे हृदय की गहराई में उपस्थित हैं और करुणावान ख्रीस्त की दयालुता एवं धैर्य द्वारा उनसे व्यक्तिगत मुलाकात करते हैं। संत थोमस ख्रीस्त के पुनरुत्थान के गूढ़ अर्थ को प्रकट करता है तथा बाह्य रूप से परिवर्तित होकर पूर्ण विश्वास के साथ यह घोषणा करता है, ″मेरे प्रभु मेरे ईश्वर।″ (पद.28) संत पापा ने कहा कि संत थोमस की यह अभिव्यक्ति अत्यन्त सुन्दर थी। ईश्वर के मुक्तिदायी प्रेम का प्रमाण, पास्का रहस्य का उसने पूर्णरूपेण अनुभव किया।

प्रेरित संत थोमस के समान हम भी इस द्वितीय सप्ताह में, पुनर्जीवित ख्रीस्त के घाँवों पर चिंतन करने के लिए बुलाये जाते हैं क्योंकि दिव्य करुणा मानव जाति की सभी कमज़ोरियों से ऊपर, पाप और बुराई, पर चमकती है।

संत पापा ने ईश्वर के करुणावान प्रेम के असाधारण जयन्ती वर्ष पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह ईश्वर के अपार प्रेम का विशेष एवं लम्बा अवसर होगा। उन्होंने इस जुबिली वर्ष की आधारभूत दस्तावेज ‘बुल ऑफ इनडिक्शन’ की घोषणा की जानकारी दी जिसकी घोषणा शनिवार संध्या संत पेत्रुस महागिरजाघर में की गयी।     

दस्तावेज का शुभारम्भ इस प्रकार होती है, ″मिसरीकोरदीय वूल्तूस꞉ येसु ख्रीस्त पिता की करुणा के प्रतिबिम्ब। हम अपनी निगाहें उन पर रखते हैं जो सदा हमें खोजते, हमारा इंतजार करते, हमें क्षमा प्रदान करते तथा अत्यन्त दयालु होने के कारण हमारे दुःखों में हमारा साथ नहीं छोड़ते हैं। अपने पावन घाँवों द्वारा वे हमें चंगा करते तथा हमारे पापों से क्षमा प्रदान करते हैं। येसु के समान दयालु बनने में माता मरिया हमारी सहायता करे।

इतना कहकर संत पापा ने स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

स्वर्ग की रानी प्रार्थना के उपरांत उन्होंने देश-विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पयर्टकों का अभिवादन किया। उन्होंने पूर्वी कलीसिया के विश्वासियों को जो अपने कैलेण्डर के अनुसार इस दिन पास्का का पर्व मनाते हैं उन्हें पास्का की शुभकामनाएँ अर्पित की। संत पापा ने कहा, ″पुनर्जीवित ख्रीस्त की घोषणा के इस आनन्द का मैं सहभागी हूँ।″ 

संत पापा ने अरमेनियाई कलीसिया के विश्वासियों को रोम आकर काथलिक कलीसिया के धर्माध्यक्षों एवं विश्वासियों के साथ युखरिस्त में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने पत्र भेजकर पास्का पर्व की शुभकामनाएँ अर्पित करने वाले सभी भाई-बहनों के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त की।

अंत में उन्होंने सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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