2015-04-07 12:19:00

कोचीः काथलिक नेताओं ने दिया न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ को समर्थन


कोची, मंगलवार, 07 अप्रैल सन् 2015 (ऊका समाचार): केरल में सिरो मलाबार कलीसिया की  काथलिक धर्माध्यक्षीय परिषद (केसीबीसी) ने भारत के सर्वोच्च न्यायालय, सुप्रीम कोर्ट के न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ को समर्थन दिया है जिन्होंने गुड फ्रायडे के दिन न्यायकर्त्ताओं के सम्मेलन के आयोजन का विरोध किया था। 

भारतीय सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एच. एल. दत्तू ने ख्रीस्तीयों के पुण्य दिवस गुड फ्राइडे पर न्यायाधीशों का एक सम्मेलन बुलाया था।

(केसीबीसी) के सचिव काथलिक पुरोहित फादर वरगीज़ काल्लीकट्टु ने कहा, "गुड फ्राइडे पर  न्यायाधीशों के सम्मेलन के खिलाफ प्रधानमंत्री को लिख कर न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ ने न्यायपालिका की निष्पक्षता और देश की धर्मनिरपेक्षता को बरकरार रखा है।"  

उन्होंने कहा कि यह अटकलें लगाना उचित नहीं है कि "न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ ने ख्रीस्तीय धर्मानुयायी होने के नाते तथा अपनी व्यक्तिगत असुविधा के कारण उक्त सम्मेलन में भाग नहीं लिया।"

फादर काल्लीकट्टु ने कहा, "जहाँ तक धार्मिक मुद्दों का सवाल है, हम यह नहीं कह सकते कि केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री निष्पक्ष रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि अल्पसंख्यक समुदाय भेदभावों का सामना कर रहे हैं। ईसाइयों के प्रति जब इस तरह का दृष्टिकोण अपनाया जाता है तब अन्य धर्मावलम्बियों को यह लग सकता है कि ईसाइयों के उत्सव एवं उनके अनुष्ठान निर्थरक हैं। इस प्रकार का दृष्टिकोण वास्तव में ख्रीस्तीय धर्मानुयायियों का अपमान है।"

इसी प्रकार केरल के लातीनी रीति के धर्माध्यक्षों की समिति (केआरएलसीसी) ने भी न्यायमूर्ति कुरियन जोसफ को समर्थन देते हुए कहा है कि गुड फ्रायडे के दिन न्यायाधीशों के सम्मेलन का आयोजन अल्पसंख्यकों के अधिकारों का हनन था। 

(केआरएलसीसी) ने कहा, "न्यायपालिका के सर्वोच्च नेताओं द्वारा संविधान में निहित धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की इस प्रकार अनदेखी से ख्रीस्तीय समुदाय की भावनाओं को गहन ठेस लगी है।" 








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