2015-04-05 12:25:00

वाटिकन सिटीः रात्रि जागरण याग से सन्त पापा ने काथलिकों को पास्का में कराया प्रवेश


वाटिकन सिटी, 05 अप्रैल सन् 2015 (सेदोक): वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर में एकत्र लगभग 10,000 श्रद्धालुओं के साथ शनिवार रात्रि जागरण की धर्मविधि एवं ख्रीस्तयाग अर्पण से सन्त पापा फ्राँसिस ने विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया को पास्का में प्रवेश कराया।

जागरण धर्मंविधि के दौरान उन्होंने दस व्यक्तियों को बपतिस्मा संस्कार प्रदान किया। इनमें कम्बोडिया की एक 13 वर्षीय किशोरी तथा केनिया की 66 वर्षीय महिला सहित इटली, पुर्तगाल तथा अल्बानिया के वयस्क शामिल थे।

ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा ने पास्का में प्रवेश का अर्थ समझाया। "वे कब्र में अन्दर गयीं और यह देख कर चकित-सी रह गयीं कि लम्बा श्वेत वस्त्र पहने एक नवयुवक दाहिने बैठा हुआ है"   

सन्त मारकुस रचित सुसमाचार के 16 वें अध्याय के इस पद को दुहराते हुए उन्होंने कहा कि इस महान संकेत को देखनेवाली सबसे पहले महिलाएँ थी। वे पहली थी जिन्होंने खाली कब्र को देखकर उसमें प्रवेश किया था। 

उन्होंने कहाः "इस रात्रि जागरण के क्षण यह उचित ही है कि हम येसु के शिष्यों के अनुभवों पर चिन्तन करें। इसीलिये आज हम सब यहाँ एकत्र हुए हैं ताकि उस रहस्य में प्रवेश कर सकें जिसे ईश्वर ने प्रेम रूपी जागरण में पूर्ण किया है।"   

सन्त पापा ने कहाः "पास्का रहस्य में प्रवेश करने का अर्थ है आश्चर्यचकित होने की क्षमता,  मनन-चिन्तन की क्षमता; मौन को सुनने की क्षमता तथा मौन की वह सरसराहट को सुनना जिसमें ईश्वर हमसे बोलते हैं।"

उन्होंने कहा, "पास्का रहस्य में प्रवेश करने का अर्थ है अपने आरामदायक क्षेत्र के परे जाना, आलस एवं उपेक्षाभाव के परे जाना जो हमें भलाई करने से रोकते हैं।" उन्होंने कहा, "पास्का रहस्य में प्रवेश का अर्थ है सत्य, सौन्दर्य और प्रेम की खोज में निकलना। उन प्रश्नों का उत्तर खोजना जो हमारे विश्वास, हमारी निष्ठा एवं हमारे अस्तित्व को ही चुनौती देते हैं।" 

सन्त पापा ने कहा, "पास्का के रहस्य में प्रवेश करने के लिये विनम्रता की आवश्यकता है, नीचे झुकने की ज़रूरत है, अपने अहंकार, भ्रम एवं घमण्ड का परित्याग कर नीचे उतरने की तथा वास्तव में हम कौन है उसे पहचानने की ज़रूरत हैः सदगुणों के साथ-साथ हममें दुर्गुण भी भरे हैं, हम पापी हैं जिन्हें क्षमादान की आवश्यकता है। पास्का के रहस्य में प्रवेश हेतु यह आवश्यक है कि अपने आप को खाली कर दें। खाली कब्र पर पहुँचनेवाली येसु की शिष्याएं", सन्त पापा ने कहा,  "हमें यही सिखाती है। वे उस रात मरियम के संग जागी रही और पवित्र कुवाँरी मरियम ने उन्हें विश्वास और आशा जगाये रखने में मदद दी जिससे उनका सारा भय जाता रहा। इन्हीं महिलाओं से हम ईश्वर और मरियम के संग पास्का के रहस्य में प्रवेश करना सीखें जो हमें मृत्यु से जीवन तक ले जाता है।"

 








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