2015-04-01 14:57:00

श्रोताओं के पत्र कार्यक्रम


श्रोताओं के पत्र कार्यक्रम

पत्र- आदरणीय, महानुभाव सादर, सप्रेम नमस्कार। अगला समाचार अवगत होवे कि मैं आपके यहाँ से प्रसारित हर कार्यक्रम बहुत ही ध्यान लगाकर सुनता हूँ। मैं आपका बहुत पुराना श्रोता हूँ तथा मुझे आज तक किसी भी प्रकार का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया जो सांत्वना स्वरूप हो।

संजय कुमार वर्मा, गंगाधाम, शहडोल।

पत्र- सेवा में निर्देशक सत्यभारती राँची। हमारे उद्धारकर्ता पिता परमेश्वर प्रभु येसु के पवित्र नाम पर सत्यभारती के कार्यकर्ताओं को मेरा प्रेम भरा नमस्कार। मैं वाटिकन रेडियो का नियमित श्रोता हूँ सुनने से जीवन में शांति, आत्मिक लाभ एवं आशीष प्राप्त होती है आप लोगों से निवेदन है कि वाटिकन भारती पत्रिका का प्रकाशित अंकों के साथ-साथ संत पापा का फोटो उपरोक्त पते पर भेजने की कृपा करें। विशेष प्रार्थनाओं के साथ प्रभु में आपका एक विश्वासी बंधु।

सकल दीप शर्मा, चोरमा बसंतपुर, प्रार्थना भवन, सीवान जिला बिहार।

पत्र- तालाब के मेंढक और पास के गोदाम में रहने वाले चूहे के बीच घनिष्ठ मित्रता हो गई। दोनों के बीच घनिष्ठता ज्यादा बढ़ी तो दोनों ने एक रस्सी ली और उसका एक छोर चूहे ने अपनी पूँछ में और दूसरा छोर मेंढक ने अपने पैर में बाँध लिया। इस प्रक्रिया का उद्देश्य यह था कि दोनों कभी एक-दूसरे से ज्यादा दूर न जा पाएँ और घनिष्ठ मित्र की तरह सदा साथ रहें। रस्सी बाँधे ज्यादा समय नहीँ गुजरा था कि मेंडक को एक कीड़ा दिखाई पड़ा। प्रवृत्ति वश वह उसके पीछे-पीछे पानी मेँ कूद पड़ा और अपने साथ चूहे को भी ले गया। पानी में तैर न पाने के कारण चूहा डूबकर मर गया और उसका मृत शरीर पानी के ऊपर आ लगा। आसमान मेँ उड़ती चील की दृष्टि उस पर गई तो वह झपटकर चूहे को ले निकली, पर चूहे की लाश के साथ मेँढ़क भी खींचता चला गया। चील ने दोनोँ का शिकार कर लिया। यह दृश्य देखकर एक सज्जन ने अपने साथी से बोला- "मित्र! संबंधों का आधार आत्मीयता होनी चाहिए, आधिपत्य नहीं। जबरन दूसरों को अपने साथ घसीटने वाले स्वयं दुर्दशा के पात्र हैं और साथ आए को भी उसका पात्र बनाते हैं। जीवन का यही सत्य है।"

डॉ. हेमान्त कुमार, गोराडीह भागलपुर, बिहार।

पत्र- सेवा में, श्रोताओं के पत्र कार्यक्रम प्रस्तुत करने वाले भाई बहन जी को हमारे सियोन रेडियो लिस्नर्स क्लब के तरफ से प्यार भरा नमस्कार।

स्वर्ग की सीढ़ी-

मारना चाहते हो तो बुरी इच्छाओं को मारो,

जीतना चाहते हो तो क्रोध और तृष्णा को जीतो।

खाना चाहते हो तो गुस्सा को खाओ।

पीना चाहते हो तो ईश्वर भक्ति का सरबत पीयो।

देना चाहते हो तो निगाह नीची करके दो और भूल जाओ।

लेना चाहते हो तो माता-पिता और गुरु का आशीर्वाद लो

जाना चाहते हो तो सत्संग और स्वास्थ्यप्रद स्थानों में जाओ।

छोड़ना चाहते हो तो पाप घमंड और अत्याचार को छोड़ो।

बोलना चाहते हो तो समय और मीठे वचन बोलो।

देखना चाहते हो तो अपनी बुराई को देखो।

राम विलास प्रसाद, सियोन रेडियो लिस्नर्स क्लब के अध्यक्ष कृतपुर मठिया भाया अरेराज, पूर्वी चम्पारण।








All the contents on this site are copyrighted ©.