2015-03-28 10:33:00

प्रेरक मोतीः सन्त बेर्टोल्ड (12 वीं शताब्दी)


वाटिकन सिटी 29 मार्च सन् 2015

बेरटोल्ड का जन्म फ्राँस के लिमोज़ में हुआ था। कुछ इतिहासकारों द्वारा बेर्टोल्ड को कारमेल मठवासी धर्मसमाज के संस्थापक माना जाता है। पेरिस के विश्वविद्यालय में आपने शिक्षा प्राप्त की थी तथा पुरोहिताभिषेक के बाद, अपने भाई अन्तियोख के तत्कालीन प्राधिधर्माध्यक्ष आयमेरिक के यहाँ, तुर्कीस्तान चले गये थे। उस समय तुर्की साराचेनों के अधीन था तथा सत्ता के लिये सर्वत्र संघर्ष जारी थे। इसी बीच, बेर्टोल्ड को प्रभु येसु के दिव्य दर्शन मिले जिससे उन्हें सैनिकों के दुर्व्यवहार एवं गतिविधियों का खण्डन करने का सम्बल प्राप्त हुआ।

दिव्य दर्शन से आलोक प्राप्त कर 1155 ई. में बेर्टोल्ड कारमेल पर्वत पर गये जहाँ उन्होंने एक मठ की स्थापना की। कई युवाओं ने उनका अनुसरण किया तथा बेर्टोल्ड ने अपने भाई अन्तियोख के प्राधिधर्माध्यक्ष आयमेरिक से समर्थन प्राप्त कर कारमेल मठ को एक धर्मसमाज रूप में प्रतिष्ठापित कर दिया। बेर्टोल्ड इसके प्रथम धर्मसमाज प्रमुख बने तथा 45 वर्षों तक इस पद पर बने रहे। 1195 ई. में कारमेल धर्मसमाज के प्रथम मठाध्यक्ष बेर्टोल्ड का निधन हो गया। सन्त बेर्टोल्ड का पर्व दिवस 29 मार्च को मनाया जाता है।

चिन्तनः अनुशासन, संयम एवं सतत् प्रार्थना ईश मार्ग की ओर ले जाती है। 

 








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