2015-03-25 12:33:00

प्रेरक मोतीः मरियम को मिले दूत सन्देश का पर्व (430 ई. से)


वाटिकन सिटी, 25 मार्च सन् 2015:

25 मार्च को विश्वव्यापी काथलिक कलीसिया मरियम को मिले दूत सन्देश का पर्व मनाती है। महादूत गाब्रिएल ने मरियम के समक्ष प्रकट होकर उन्हें सन्देश दिया था कि वे प्रभु की माता बननेवाली थीं।

वस्तुतः, देवदूत सन्देश एक अनोखी, एक विचित्र एवं अद्वितीय घोषणा थी। राजकुमारों व राजाओं के जन्म और मरण, नये राष्ट्रपतियों और नये सन्त पापाओं की नियुक्तियों की घोषणाएँ होती हैं, युद्ध की समाप्ति और समझौते पर हस्ताक्षर की घोषणाएँ होती रहती हैं किन्तु गाब्रिएल महादूत के सन्देश में निहित प्रभु के जन्म की घोषणा वास्तव में एक अद्वितीय घोषणा थीः "ईश्वर स्वयं इस धरा पर"!  

गाब्रिएल दूत ने कुँवारी मरियम से कहा कि वे प्रभु की माता बननेवाली थी। उन्होंने ईश्वर की दासी बनकर इस सन्देश को सिर आँखों पर रखा। देवदूत के सन्देश के अनुसार प्रभु ने इस धरा पर देहधारण किया, उन्हें येसु नाम दिया गया। उन्होंने बेथलेहेम में जन्म लिया, हमारे बीच निवास किया, दुःख उठाया, क्रूस पर चढ़ाये गये तथा तीसरे दिन मुर्दों में जी उठे ताकि मानवजाति पाप से मुक्ति पा सके।         

दूत सन्देश के पर्व पर आइये हम सब मिलकर इस प्रार्थना का पाठ करें तथा ईश पुत्र येसु के देहधारण पर चिन्तन करें:

"प्रभु के दूत ने मरियम को सन्देश दिया।

और वह पवित्र आत्मा से गर्भवती हुई।

प्रणाम मरिया कृपा पूर्ण, प्रभु तेरे साथ है। धन्य है तू स्त्रियों में, और धन्य है तेरे गर्भ का फल येसु। हे संत मरिया, परमेश्वर की माँ, प्रार्थना कर हम पापियों के लिए, अब और हमारे मरने के समय, आमेन।  

देख, मैं प्रभु की दासी हूँ।

तेरा कथन मुझमें पूरा हो।   प्रणाम मरियम...........

और शब्द देह बना।

और हमारे बीच में रहा।    प्रणाम मरियम..........

हे ईश्वर की पवित्र माँ, हमारे लिए प्रार्थना कर कि हम खीस्त की प्रतिज्ञाओं के योग्य बन जाएं।

हम प्रार्थना करें: हे प्रभु, हमने स्वर्गदूत के संदेश द्वारा तेरे पुत्र येसु खीस्त का देहधारण जान लिया।  हमारी प्रार्थना सुन ले अपनी कृपा हमारी आत्माओं को प्रदान कर, कि हम उसी खीस्त के दु:ख और क्रूस के द्वारा पुनरूत्थान की महिमा तक पहुँच सकें। उन्हीं हमारे प्रभु येसु खीस्त के द्वारा। आमेन।








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