2015-03-25 13:25:00

देहधारण और मिशन - परिवार की भूमिका


वाटिकन सिटी, बुधवार  25 मार्च,  2015 (सेदोक, वी.आर.) बुधवारीय आमदर्शन समारोह के अवसर पर संत पापा फ्राँसिस ने वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में  विश्व के कोने-कोने से एकत्रित हज़ारों तीर्थयात्रियों को सम्बोधित किया।

उन्होंने इतालवी भाषा में कहा, ख्रीस्त में मेरे अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, आज की धर्मशिक्षामाला में अगले वर्ष परिवार की बुलाहट और मिशन विषय पर होने वाली सिनॉद को ध्यान में रखते हुए हम परिवार पर चिन्तन करना जारी रखें।  आज हम देहधारण और मिशन के संबंध में परिवार की भूमिका पर चिन्तन करें।

ईश्वर की योजना में येसु का आगमन एक मानव परिवार में हुआ। जोसेफ और मरियम ने उनका स्वागत किया।

आज हम जीवन दिवस भी मना रहे हैं और इस बात पर पुष्टि करते हैं कि हम मानव प्राणी के अनुल्लंघनीय या पवित्र मर्यादा का सम्मान करते हैं।

ईश्वर ने आरंभ से ही परिवार को आशिष दी है और उसे यह ज़िम्मेदारी सौंपी है कि वह वंश वृद्धि करे और एक समुदाय का निर्माण करे जिसके केन्द्र में हो - जीवन और प्रेम।  

इस तरह हम इस बात को स्पष्ट रूप से देख सकते हैं कि परिवार और कलीसिया एक – दूसरे जुड़े हैं।

कलीसिया का दायित्व है कि वह परिवारों की देखरेख करे विशेषकर उनकी जो ज़रूरतमंद हैं।

मैं आपसे से आग्रह करता हूँ कि आप प्रार्थना करना जारी रखें ताकि परिवार विषय पर होनेवाले सिनॉद में अपने भेड़ों के लिये भले चरवाहे की सहानुभूति झलके और कलीसिया को प्रेरित करे ताकि कलीसिया परिवारों के लिये ईश्वर की करुणामय दया के सत्य का साक्ष्य दे सके।

इतना कहकर संत पापा ने अपनी धर्मशिक्षा समाप्त की।

उन्होंने भारत से आये एक हिन्दु समुदाय, इंगलैंड, चीन, मलेशिया, इंडोनेशिया,  वियेतनाम, डेनमार्क, नीदरलैंड, जिम्बाब्ने, दक्षिण कोरिया  फिनलैंड,  ताइवान, नाइजीरिया, आयरलैंड, फिलीपीन्स, नोर्व, स्कॉटलैंड. फिनलैंड, जापान, उगान्डा, मॉल्टा, डेनमार्क, कतार, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और देश-विदेश के तीर्थयात्रियों, उपस्थित लोगों तथा उनके परिवार के सदस्यों को विश्वास में बढ़ने तथा प्रभु के प्रेम और दया का साक्ष्य देने की कामना करते हुए अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

 








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