उत्तर प्रदेश के रायबरेली
में हुए ट्रेन हादसे में मरने वालों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है । डिविजनल कमिश्नर
के मुताबिक हादसे में 150 लोगों को चोटें आई हैं, जिनमें से कई की हालत गंभीर बनी हुई
है। उन्होंने आशंका जताई है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है। केंद्र सरकार ने हादसे
की जांच के आदेश दे दिए हैं।
देहरादून से वाराणसी जा रही जनता एक्सप्रेस के डिब्बे पटरी से उतर जाने की वजह से यह
हादसा हुआ। शुक्रवार सुबह रायबरेली के पास बछरावां में अचानक जनता एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर
14266) का इंजन और 3 डिब्बे पटरी से उतर गए। इनमें से 2 डिब्बों को बहुत ज्यादा नुकसान
पहुंचा है। बोगियां एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गईं, जिससे घायल लोगों को बचाने में भी मुश्किलों
का सामना करना पड़ा।
दुर्घटना की खबर फैलते ही आसपास के गांव वाले राहत और बचाव कार्य में जुट गए। दुर्घटना
की वजह से लखनऊ-वाराणसी खंड पर रेल ट्रैफिक थम गया। बोगियों को अलग करने के लिए क्रेन
लगाई गई है। डिब्बों को काटने के लिए गैस कटर का इंतजाम किया जा रहा है।
रेलवे की ओर से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये, गंभीर रूप से घायलों के परिजनों
को 50-50 हजार रुपये और मामूली घायलों को 20 हजार रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया गया
है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये
और जख्मी लोगों को 50 हजार रुपये देने का ऐलान किया है।
डिविजनल कमिश्नर महेश गुप्ता ने हादसे के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि मरने राहत
और बचाव कार्य जारी हैं और घायलों को अस्पताल पहुँचा दिया गया है। उन्होंने 22 लोगों
की मौत की पुष्टि करते हुए कहा कि बहुत से यात्री गंभीर रूप से जख्मी हुए हैं, ऐसे में
मरने वालों की संख्या अभी और बढ़ सकती है। उन्होंने कहा कि करीब 150 लोग जख्मी हैं।
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन ए.के. मित्तल और ट्रैफिक मेंबर अजय
शुक्ला को घटनास्थल जाने के निर्देश दिए हैं। रेलवे के प्रवक्ता ने बताया कि रेल राज्य
मंत्री मनोज सिन्हा भी राहत और बचाव कार्य का मुआयना करने पहुंच रहे हैं। जांच के आदेश
भी दे दिए गए हैं।
गंभीर रूप से घायलों को लखनऊ स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी और संजय गांधी स्नातकोत्तर
आयुर्विज्ञान संस्थान भेजा जा रहा है । केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में घायल यात्रियों
के समुचित इलाज के लिए जरूरी तैयारियाँ की गई हैं। घायलों के लिए 150 से ज़्यादा बेड
तैयार रखे गए हैं। डॉक्टरों की टीम को लेकर लखनऊ से ऐंबुलेंस रवाना की गईं हैं।
बताया जा रहा है कि ट्रेन को प्लैटफॉर्म नंबर वन पर रुकना था, लेकिन गलती से ट्रेन उस
ट्रैक पर चली गई, जो बंद पड़ा हुआ था। जैसे ही ड्राइवर को इस बात का अहसास हुआ, उसने
तुरंत ब्रेक लगा दिया। इस वजह से डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए और पटरी से भी उतर गए।
सबसे ज्यादा नुकसान इंजन से आगे वाली बोगी को पहुँचा है।
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