2015-03-14 12:41:00

शिक्षक वही जो संतुलित और समर्पित हो


वाटिकन सिटी, शनिवार 14 मार्च, 2015 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 15 मार्च को इटली के काथलिक शिक्षक-शिक्षिकाओं, प्रबंधकों और प्रशिक्षकों के संघ को संबोधित कर कहा शिक्षक होना एक बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी है जिसका दायित्व एक संतुलित और समर्पित व्यक्ति ही निभा सकता है।

शिक्षा देना एक नेक काम है जिसमें हम उन्हें आगे बढ़ते देख सकते हैं जिन्हें हमें सौंपा गया है। शिक्षक बनने का दायित्व आध्यात्मिक रूप से अभिभावक बनने का  दायित्व है।

संत पापा ने कहा कि आपको ज्ञात होगा कि इस दायित्व में आप  अकेले नहीं हैं आपकी ज़िम्मेदारी को आप अकेलने नहीं निबाहते हैं आपके साथ शिक्षण संस्थानों के सहकर्मी हैं।

उन्होंने कहा कि इतालवी काथलिक शिक्षक प्रबंधक तथा प्रशिक्षक संघ अब 70 साल की हो गयी है। इसने वर्षों तक अपनी सेवायें दुनिया को दिये हैं पर आज इस बात की ज़रूरत है कि आप जीवन भर के लिये बजट बनाइये।

उन्होंने कहा कि जब इस संघ की स्थापना हुई थी तब इटली युद्धग्रस्त था। इस समय आपके संघ ने इतालवी स्कूलों की बहुत मदद की और राष्ट्र की प्रगति में अपना योगदान दिया विशेष करके युवाओं की शिक्षा में।

संत पापा ने कहा, " मैं आज धर्म क्लास के प्रोफेसर नोसेन्यो जेसुवाल्दों की याद करता हूँ जिन्होंने  ख्रीस्तीय विश्वास को आधार बनाकर के इस काथलिक संघ की स्थापना की स्कूलों में कार्य किया।  आज एक शिक्षक का दायित्व है कि वे आदर्श शिक्षक बनें और उन विद्यार्थियों की देखरेख विशेष रूप से करें जो कमजोर तथा मंदबुद्धिवाले हैं तथा सुविधाओं से वंचित हैं।"   

संत पापा ने कहा कि आप ऐसे विद्यार्थी जो पढ़ना नहीं चाहते, कठिन परिस्थितियों में बढ़ते-पलते, अपंग या परदेशी है उन्हें अपना विशेष स्नेह दिखायें।

 

उन्होंने कहा, "ख्रीस्तीय शिक्षक - शिक्षिकाओं के संघ से ही यह उम्मीद की जाती है कि वे विद्यालय, अध्ययन तथा संस्कृति को उचित अर्थ प्रदान करें ताकि प्रत्येक विद्यार्थी अपने को स्वीकृत और स्नेहयोग्य समझे।"

संत पापा ने कहा कि स्कूल तकनीकि ज्ञान मात्र प्राप्त करने का स्थान न बने पर एक ऐसा स्थान बने शैक्षणिक रिश्ता का स्थल बने।

एक पेशा के रूप में शिक्षकों को चाहिये कि वे शिक्षा देने में दक्षता प्राप्त करें नयी तकनीकियों का उपयोग करें और अपने आपको इस तरह से समर्पित कर दें कि ऐसा न लगे कि शिक्षण कार्य एक नौकरी है पर यह एक-दूसरे मानव प्राणी के साथ संबंध है।

संत पापा ने कहा कि मैं आप लोगों को इस बात के लिये प्रोत्साहन देता हूँ कि आप मानव-प्राणी के प्रशिक्षण में नये उत्साह से जुट जायें और जीवन और आशा का साक्ष्य दें।

 

 








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