2015-03-08 16:10:00

एक सच्चा मंदिर


वाटिकन सिटी, सोमवार, 9 मार्च 2015 (वीआर सेदोक)꞉ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 8 मार्च को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया। देवदूत प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा,

अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात

आज का सुसमाचार पाठ मंदिर से विक्रेताओं के निष्कासन की घटना को प्रस्तुत करता है जो संत योहन रचित सुसमाचार से लिया गया है। (यो.2꞉13-25) ″उन्होंने रस्सियों का कोड़ा बना कर भेड़ों और बेलों-सहित सब को मन्दिर से बाहर निकाल दिया, सराफों के सिक्के छितरा दिये, उनकी मेजें उलट दीं।″(यो.2꞉15)

संत पापा ने कहा कि इस घटना ने लोगों एवं चेलों के मन में गहरा प्रभाव डाला। यह स्पष्ट रूप से एक भविष्यवाणी का संकेत था जिसका प्रभाव इतना अधिक था कि उपस्थित लोगों में से कुछ ने येसु के पूछा ‘‘आप हमें कौन-सा चमत्कार दिखा सकते हैं, जिससे हम यह जानें कि आप को ऐसा करने का अधिकार है?'' (पद.18) वे जानना चाहते थे कि येसु का ईश्वर द्वारा प्रेषित होने का क्या ईश्वर चिन्ह है। ईसा ने उन्हें उत्तर दिया, ‘‘इस मन्दिर को ढा दो और मैं इसे तीन दिनों के अन्दर फिर खड़ा कर दूँगा''। (पद.19) इस पर यहूदियों ने कहा, ‘‘इस मंदिर के निर्माण में छियालीस वर्ष लगे, और आप इसे तीन दिनों के अन्दर खड़ा कर देंगे?'' उन्हें मालूम नहीं था कि येसु यह जीवित मंदिर रूपी अपने शरीर के बारे में ऐसा कह रहे थे जिसे क्रूस पर मृत्यु द्वारा नष्ट किया जाना किन्तु तीसरे दिन जी उठना था। ″जब वह मृतकों में से जी उठे, तो उनके शिष्यों को याद आया कि उन्होंने यह कहा था; इसलिए उन्होंने धर्मग्रन्ध और ईसा के इस कथन पर विश्वास किया।″ (पद.22)

संत पापा ने कहा कि येसु का यह संकेत एवं उनकी भविष्यवाणी का संदेश पास्का के प्रकाश में पूरी तरह समझा जा सकता है। संत योहन के अनुसार, हम यहाँ ख्रीस्त की मृत्यु एवं पुनरुत्थान की प्रथम भविष्यवाणी को पाते हैं। पाप की हिंसा द्वारा उनका शरीर क्रूस पर नष्ट कर दिया गया था किन्तु उनका पुनरुत्थान ईश्वर एवं मानव के बीच एक मुलाकात स्थल बन गया। यही कारण है कि येसु का मानव रूप एक सच्चा मंदिर बन गया है जहाँ ईश्वर प्रकट होते, बोलते, हमसे मुलाकात करते है। ईश्वर के सच्चे भक्त, भौतिक मंदिर के मालिक नहीं जो सत्ता धारी और धर्म के पंडित कहलाते हैं किन्तु वे आत्मा एवं सत्य में ईश्वर की पूजा करते हैं।

संत पापा ने कहा कि इस चालीसा काल के द्वारा हम पास्का पर्व को मनाने की तैयारी कर रहे हैं जब हम बपतिस्मा की अपनी प्रतिज्ञा का नवीनीकरण भी करते हैं। हम दुनिया में येसु के समान चलने का प्रयास करते हैं तथा हम अपने आप को अपने भाई बहनों के लिए ईश्वर के प्रेम चिन्ह के रूप में प्रकट करते हैं, विशेषकर, जीवन यात्रा में मिलने वाले कमजोर एवं गरीब लोग।

संत पापा ने कहा कि हम हम चिंतन करें कि क्या प्रभु सचमुच हमारे जीवन में स्वीकृति का अनुभव करते हैं? क्या हम उन्हें अपने हृदय को शुद्ध करने का अवसर देते तथा बुराईयों को दूर करने का प्रयास करते हैं? 

प्रत्येक युखरित जिसमें हम क्रूसित एवं पुनर्जीवित प्रभु के शरीर की एकता को पूर्ण विश्वास के साथ मनाते हैं तो वह हमें प्रभु के जीवित मंदिर की तरह बढ़ने में मदद करता है। येसु हमें अच्छी तरह जानते हैं वे हमारी आकांक्षाओं से भी अवगत हैं।

धन्य कँवारी मरियम जो ईश्वर के पुत्र का पवित्र निवास है चालीसा यात्रा में हमारी सहायता करे तथा हमें साथ दे जिससे कि हम ख्रीस्त के साथ मुलाकात करने की खुबसूरती का अनुभव कर सकें जो हमें स्वतंत्र करता और मुक्ति प्रदान करता है।

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

देवदूत प्रार्थना के उपरांत उन्होंने देश विदेश से एकत्र सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया।

संत पापा ने विश्वासियों को चालीसा काल के कर्तव्यों की याद दिलाते हुए कहा कि चालीसा काल में हम उन लोगों के करीब आने का प्रयास हैं जो दुखद परिस्थिति से होकर गुजर रहे हैं। अपने पड़ोसियों के साथ प्रेम, प्रार्थनामय एवं सद्भावनापूर्ण बर्ताव करते हैं।

संत पापा ने विश्व महिला दिवस के अवसर पर सभी महिलाओं का अभिवादन किया तथा उन्हें धन्यवाद दिया जो दैनिक जीवन में मानवता एवं मित्रता की भावना स्थापित करने का प्रयास करते हैं और कलीसिया में सुसमाचार का साक्ष्य प्रस्तुत करने का प्रयास करते हैं।

अंत में संत पापा ने सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।








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