2015-03-06 15:28:00

कलीसिया पूरी शक्ति से सुसमाचार का प्रचार करे


वाटिकन सिटी, शुक्रवार 6 मार्च, 2015 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 6 मार्च को वाटिकन सिटी नेयोकटक्युमनाते या ‘नेयोकटेक्युमन वे’ के सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि संस्था का दायित्व है कि वे लोगों के विश्वास को मजबूत करें।

विदित हो कि वयस्कों की धर्मशिक्षा के लिये किको अरग्वेल्लो और कारमेन हरनन्डेज़ द्वारा मैडरिड में सन् 1964 ईस्वी में स्थापित संस्था ‘नेयोकटेक्युमनाते’ की स्थापना हुई। वाटिकन ने सन् 2008 ईस्वी में इसे अपनी मान्यता प्रदान की।

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्तीय रूप में येसु की आज्ञा का पालन करते हुए हमारा जीवन एक मिशनरी जीवन है। येसु ने कहा था, " दुनिया में जाओ और सबको अपना शिष्य बनाओ " और यही मिशन आज भी जारी है।"  

संत पापा ने कहा कि आज की इस दुनिया में मानव, यातनायें झेल रहा है, ईश्वर से दूर हो गया है। आज यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और एशिया में लोग इस बात को सुनने के लिये तरस रहे हैं कि कोई उन्हें प्यार करता है। आज ज़रूरत है लोगों को इस बात को बताने की ईश्वर उन्हें प्यार करते हैं और उन्होंने मानव को इतना प्यार किया कि उसके लिये अपने एकलौते पुत्र को दे दिया जिन्होंने मृत्यु को स्वीकार, पिता ईश्वर द्वारा पुनर्जीवित हुए और हमें वह कृपा प्रदान की जिससे हम दूसरों को जीवन दे सकें।

संत पापा ने कहा कि ‘नेयोकटेक्युमनल वे’ के सदस्यों को वह शक्ति प्राप्त हैं जिसके द्वारा वे ख्रीस्तीय संस्कार द्वारा अपना घर छोड़ देते, लघु समुदायों में रहते  और वहाँ बपतिस्मा संस्कार की समृद्धि को प्राप्त करते हैँ।

संत पापा ने कहा कि नेयोकटेलक्युमनल वे के तीन पक्ष हैं – शब्द, पूजन पद्धति और समुदाय। ईशवचन को सुनने, यूखरिस्तीय समारोह में हिस्सा लेने  और अपने परिवारों में ईश महिमा करने से ईश्वर ने आपलोगों पर बहुत कृपायें बरसायी है। कई लोगों को पुरोहिताई तो अन्यों को समर्पित जीवन का वरदान प्राप्त हुआ है। 

उन्होंने कहा कि ये सब वरदान इस बात को सिद्ध करते हैं कि ईश्वर का आत्मा जीवित है और हमारी ज़रूरतों को पूरा करता है।

संत पापा ने कहा कि उन्होंने कई बार इस बात पर बल दिया है कि कलीसिया को चाहिये कि वह कुछेक प्रेरितिक कार्यों के के बदले पूरी शक्ति से सुसमाचार का प्रचार करे। 

 

 

 

 

 

 

 








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