2015-03-04 12:15:00

यूखारिस्त के बिना "एकता" आकर्षण रहित, सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, बुधवार, 4 मार्च 2015 (सेदोक): वाटिकन में बुधवार को फोकोलारी लोकधर्मी अभियान के मित्र धर्माध्यक्षों को दिये सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने यूखरिस्त के सौन्दर्य पर बल दिया और कहा कि यूखारिस्त ही काथलिक धर्मानुयायियों की एकता एवं सहभागिता को मज़बूत करता है।   

इन दिनों रोम शहर के परिसर में कास्टेल गोन्दोल्फो स्थित फोकोलारी अभियान के मुख्यालय में धर्माध्यक्षों की बैठक जारी है जिन्होंने बुधवार को वाटिकन में सन्त पापा फ्राँसिस से मुलाकात कर उनका सन्देश सुना। 

सन्त पापा ने धर्माध्यक्षों से कहा, "इन दिनों फोकोलारी अभियान के साथ आपकी मैत्री तथा "आध्यात्मिकता की सहभागिता" के कारण आप रोम में एकत्र हुए हैं। विशेष रूप से, आपके चिन्तन "यूखारिस्त एवं सहभागिता के रहस्य पर केन्द्रित हैं।"    

उन्होंने कहा, "यूखारिस्त के बिना एकता अपने दैवीय आकर्षण को खो देगी तथा एक भाव बन कर रह जायेगी और जिसका आयाम केवल मानवीय, मनोवैज्ञानिक एवं सामाजिक स्तर तक सीमित रह जायेगा। जबकि यूखारिस्त इस बात की गारंटी देता है कि हमारे किसी भी कार्य के केन्द्र प्रभु येसु ख्रीस्त हैं, उनके पवित्रआत्मा हैं क्योंकि पवित्रआत्मा ही हमारा मार्गदर्शन करते हैं, हमें नई राहें सुझाते हैं, हमारी बैठकों एवं हमारे आदान-प्रदान को आशीष देते हैं।   

सन्त पापा ने कहा कि यूखारिस्त से पोषित होकर धर्माध्यक्ष ख्रीस्त एवं उनके सुसमाचार में सुदृढ़ बनते तथा विश्व के समक्ष सुसमाचार के साक्षी बनते हैं।

 

 








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