2015-03-04 12:04:00

नई दिल्लीः विरोधों के बाद विवादास्पद वृत्तचित्र पर लगी पाबन्दी


नई दिल्ली, बुधवार, 4 मार्च 2015 (रायटर्स): सम्पूर्ण देश से महिला संगठनों, मानवाधिकार कार्यकर्त्ताओं तथा विपक्षी पीर्टियों के विरोध के बाद 'निर्भया' कांड के दोषियों से बातचीत कर बीबीसी द्वारा बनाई गई डॉक्यूमेंट्री, 'इंडियाज़ डॉटर' पर पाबन्दी लगा दी गई है।

दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता राजन भगत ने पत्रकारों से कहा कि मीडिया में आई रिपोर्टों से ये ज़ाहिर होता है कि फ़िल्म में 'निर्भया' के बारे में बलात्कार के दोषियों ने अपमानजनक बातें की हैं जिनसे तनाव उत्पन्न हो सकते हैं।

पुलिस प्रवक्ता ने कहा, "दिल्ली पुलिस के आग्रह पर मंगलवार को डॉक्युमेंट्री के प्रसारण पर कोर्ट ने अगले आदेश तक रोक लगा दी है।"

दोषी मुकेश के बारे में उन्होंने कहा, "उसने महिलाओं के विषय में अपकीर्तिकर एवं अपमानजनक भाषा का प्रयोग किया है तथा भय एवं तनाव के वातावरण को प्रश्रय दिया है जिससे सामान्य जनता में रोष उत्पन्न हो सकता है।  

दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को एक चलती बस में 23 साल की मेडिकल स्टूडेंट के साथ हुए सामूहिक बलात्कार पर लेज़ली उडविन द्वारा निर्मित 'इंडियाज़ डॉटर' फिल्म में दोषी मुकेश सिंह सहित अन्य दोषियों और व़कीलों से बातचीत की गई है। इसमें मुकेश सिंह ने कहा है कि  "बलात्कार के लिए पुरुषों से ज़्यादा महिलाएं ज़िम्मेदार हैं" जिसपर सर्वत्र विरोध प्रकट किया गया था। 

ग़ौरतलब है कि 62 मिनट की यह डॉक्युमेंट्री अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के दिन यानि आठ मार्च को एनडीटीवी चैनल पर दिखाई जानी थी। वरिष्ठ वक़ील इंदिरा जयसिंह तथा महिला आंदोलनकारी कविता कृष्णन सहित कई मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने एनडीटीवी चैनल को पत्र लिखकर फ़िल्म के प्रसारण पर रोक लगाने की मांग की थी।

 








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