2015-03-02 14:26:00

संत पापा बेनेदिक्त के पदत्याग की याद


वाटिकन सिटी, सोमवार 2 मार्च 2015 (सीएनए) वाटिकन सिटी में दो वर्ष पूर्व 28 फरवरी को संत पापा बेनेदक्त द्वारा ससम्मान पदत्याग देने की ऐतिहासिक घटना को याद किया गया।

संत पापा बेनेदिक्त ने अपने वचन के अनुसार प्रार्थनापूर्ण मौन रहकर कलीसिया तथा विश्व की सेवा करने में अपना समय व्यतीत करते हैँ।

वाटिकन के पोन्तिफिकल अकाडेमी फॉर लाइफ़ के अधिकारी फादर स्कोट बोर्गमन ने बताया कि " हम इस बात का गहरा अनुभव करते हैं कि ससम्मान सेवानिवृत्त संत पापा बेनेदिक्त वाटिकन परिसर में निवास करते हैं और प्रार्थनाओं द्वारा कलीसिया की सेवा करते हैं।"

फादर बोर्गमन ने बताया कि सेवानिवृत्त संत पापा बेनेदिक्त का सारा जीवन प्रार्थना और अध्ययन करने में बीतता है। स्वेच्छा से अपने पद त्यागने के बाद वे पूरी कलीसिया के लिये ‘प्रिय दादा’ (ग्रैंडफादर) के समान बन गये जो पूरी कलीसिया का हित चाहते हैं।

विदित हो संत पापा बेनेदिक्त ने 28 फरवरी 2013 को 8 बजे संध्या अपना पद त्याग कर विश्व को चौंका दिया था। पिछले 6 सौ सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ कि सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया का सर्वोच्च अधिकारी अपना पद स्वेच्छा से त्याग दिया हो।

 

फादर इस उन बातों की भी याद दिलायी जिसमें संत पापा बेनेदिक्त ने पद त्यागते समय कास्तेल गंदोल्फो में परमधर्मपीठीय आवास की बालकनी से कहा था, " मेरी इच्छा है कि वे अपने स्नेह, प्रार्थना और चिन्तन तथा आन्तरिक शक्ति से  सार्वजनिक हित तथा कलीसिया और मानवता की सेवा के लिये कार्य करता रहूँगा।"  

 

उन्होंने बताया कि अपने आठ साल के परमधर्मपीठीय शासन काल में अपनी गरीबों, पीड़ितों और शोषितों की नम्र सेवा के बावजूद संत पापा बेनेदिकित को समाचारपत्रों के नकारात्मक और त्रुटिपूर्ण लेखों का सामना करना पड़ा विशेष करके शिशु यौन दुराचार और समलिंगी विवाह आदि के मामलों में।

उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास ही उनके बारे में निर्णय करेगा जब वह संत पापा के लेखों और विचारों का अध्ययन करेगा। फादर बोर्गमन का मानना है कि संत पापा बेनेदिक्त पुरोहितों के लिये रोल मॉडल सदा बने रहेंगे।

 

 

 

 

 

वाटिकन सिटी, सोमवार 2 मार्च 2015 (सीएनए) वाटिकन सिटी में दो वर्ष पूर्व 28 फरवरी को संत पापा बेनेदक्त द्वारा ससम्मान पदत्याग देने की ऐतिहासिक घटना को याद किया गया।

संत पापा बेनेदिक्त ने अपने वचन के अनुसार प्रार्थनापूर्ण मौन रहकर कलीसिया तथा विश्व की सेवा करने में अपना समय व्यतीत करते हैँ।

वाटिकन के पोन्तिफिकल अकाडेमी फॉर लाइफ़ के अधिकारी फादर स्कोट बोर्गमन ने बताया कि " हम इस बात का गहरा अनुभव करते हैं कि ससम्मान सेवानिवृत्त संत पापा बेनेदिक्त वाटिकन परिसर में निवास करते हैं और प्रार्थनाओं द्वारा कलीसिया की सेवा करते हैं।"

फादर बोर्गमन ने बताया कि सेवानिवृत्त संत पापा बेनेदिक्त का सारा जीवन प्रार्थना और अध्ययन करने में बीतता है। स्वेच्छा से अपने पद त्यागने के बाद वे पूरी कलीसिया के लिये ‘प्रिय दादा’ (ग्रैंडफादर) के समान बन गये जो पूरी कलीसिया का हित चाहते हैं।

विदित हो संत पापा बेनेदिक्त ने 28 फरवरी 2013 को 8 बजे संध्या अपना पद त्याग कर विश्व को चौंका दिया था। पिछले 6 सौ सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ कि सार्वभौमिक काथलिक कलीसिया का सर्वोच्च अधिकारी अपना पद स्वेच्छा से त्याग दिया हो।

 

फादर इस उन बातों की भी याद दिलायी जिसमें संत पापा बेनेदिक्त ने पद त्यागते समय कास्तेल गंदोल्फो में परमधर्मपीठीय आवास की बालकनी से कहा था, " मेरी इच्छा है कि वे अपने स्नेह, प्रार्थना और चिन्तन तथा आन्तरिक शक्ति से  सार्वजनिक हित तथा कलीसिया और मानवता की सेवा के लिये कार्य करता रहूँगा।"  

 

उन्होंने बताया कि अपने आठ साल के परमधर्मपीठीय शासन काल में अपनी गरीबों, पीड़ितों और शोषितों की नम्र सेवा के बावजूद संत पापा बेनेदिकित को समाचारपत्रों के नकारात्मक और त्रुटिपूर्ण लेखों का सामना करना पड़ा विशेष करके शिशु यौन दुराचार और समलिंगी विवाह आदि के मामलों में।

उन्होंने यह भी कहा कि इतिहास ही उनके बारे में निर्णय करेगा जब वह संत पापा के लेखों और विचारों का अध्ययन करेगा। फादर बोर्गमन का मानना है कि संत पापा बेनेदिक्त पुरोहितों के लिये रोल मॉडल सदा बने रहेंगे।

 

 

 

 

 








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