2015-02-27 15:50:00

दैनिक मिस्सा पाठ


शुक्रवार- 27.2.15

दैनिक मिस्सा पाठ

पहला पाठ- एजेकिएल 18꞉ 21-28

21) ''यदि पापी, अपना पुराना पापमय जीवन त्याग कर, मेरी सब आज्ञाओं का पालन करता और धार्मिकता तथा न्याय के पथ पर चलने लगता है, तो वह अवश्य जीवित रहेगा, मरेगा नहीं। 22) उसके सब पापों को भुला दिया जायेगा और वह अपनी धार्मिकता के कारण जीवित रहेगा। 23) प्रभु-ईश्वर का यह कहना है- क्या मैं दुष्ट की मृत्यु से प्रसन्न हूँ? क्या मैं यह नहीं चाहता कि वह अपना मार्ग छोड़ दे और जीवित रहे? 24) किन्तु यदि भला मनुष्य अपनी धार्मिकता त्याग कर दुष्ट की तरह घृणित पाप करने लगता है, तो क्या वह जीवित रहेगा? उसकी समस्त धार्मिकता को भुला दिया जायेगा और वह अपने अधर्म तथा पाप के कारण मर जायेगा। 25) ''तुम लोग कहते हो कि प्रभु का व्यवहार न्यायसंगत नहीं हैं। इस्राएलियो! मेरी बात सुनो। क्या मेरा व्यवहार न्यायसंगत नहीं है? क्या यह सही नहीं है कि तुम्हारा ही व्यवहार न्यायसंगत नहीं हैं। 26) यदि कोई भला मनुष्य अपनी धार्मिकता त्याग कर अधर्म करने लगता और मर जाता है, तो वह अपने पाप के कारण मरता है। 27) और यदि कोई पापी अपना पापमय जीवन त्याग कर धार्मिकता और न्याय के पथ पर चलने लगता है, तो वह अपने जीवन को सुरक्षित रखेगा। 28) यदि उसने अपने पुराने पापों को छोड़ देने का निश्चय किया है, तो वह अवश्य जीवित रहेगा, मरेगा नहीं।

सुसमाचार पाठ- मती. 5꞉ 20-26

20) मैं तुम लोगों से कहता हूँ-यदि तुम्हारी धार्मिकता शास्त्रियों और फ़रीसियों की धार्मिकता से गहरी नहीं हुई, तो तुम स्वर्गराज्य में प्रवेश नहीं करोगे। 21) ''तुम लोगों ने सुना है कि पूर्वजों से कहा गया है- हत्या मत करो। यदि कोई हत्या करे, तो वह कचहरी में दण्ड के योग्य ठहराया जायेगा। 22) परन्तु मैं तुम से यह कहता हूँ-जो अपने भाई पर क्रोध करता है, वह कचहरी में दण्ड के योग्य ठहराया जायेगा। यदि वह अपने भाई से कहे, 'रे मूर्ख! तो वह महासभा में दण्ड के योग्य ठहराया जायेगा और यदि वह कहे, 'रे नास्तिक! तो वह नरक की आग के योग्य ठहराया जायेगा।23) ''जब तुम वेदी पर अपनी भेंट चढ़ा रहे हो और तुम्हें वहॉं याद आये कि मेरे भाई को मुझ से कोई शिकायत है,  24) तो अपनी भेंट वहीं वेदी के सामने छोड़ कर पहले अपने भाई से मेल करने जाओ और तब आ कर अपनी भेंट चढ़ाओ। 25) ''कचहरी जाते समय रास्ते में ही अपने मुद्दई से समझौता कर लो। कहीं ऐसा न हो कि वह तुम्हें न्यायाकर्ता के हवाले कर दे, न्यायाकर्ता तुम्हें प्यादे के हवाले कर दे और प्यादा तुम्हें बन्दीग्रह में डाल दे। 26) मैं तुम से यह कहता हूँ- जब तक कौड़ी-कौड़ी न चुका दोगे, तब तक वहाँ से नहीं निकल पाओगे।  








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