2015-02-19 15:31:00

चालीसा काल किस प्रकार दुनिया में बदलाव ला सकता है


बल्तीमोर, बृहस्पतिवार, 19 फरवरी 2015 (सीएनए)꞉ भूख से पीड़ित लोगों की मदद हेतु 40 वर्षों के लिए निर्धारित परम्परा के अनुसार चलने वाली काथलिक राहत सेवा ‘राइस बॉल’ (चावल का कटोरा) कार्यक्रम जारी है।

इस कार्यक्रम से लाभान्वित थॉमस अवियापो, जो अब ‘राइस बॉल’के प्रवक्ता हैं ने कहा, ″कई वर्षों पूर्व घाना में जब मैं एक भूखा बालक था, परिवार एवं माता-पिता से वंचित होने के कारण भोजन की गंध ने मुझे गाँव के स्कूल जाने हेतु ललचाया। जहाँ मैंने भोजन प्राप्त किया तथा मृत्यु के मार्ग से ऊपर उठ पाया।″ 

उन्होंने कहा कि ये स्कूल ‘राइस बॉल’ नामक उसी छोटे अनुदान से चलता है।

ज्ञात हो कि थॉमस अवियापो जब करीब दस वर्ष का था तो वह अनाथ हो गया था तथा घाना में रहता था। 12 वर्ष की उम्र में उसने एक ऐसे स्कूल का पता लगाया जहाँ भोजन प्रदान करने हेतु काथलिक राहत सेवा कार्यक्रम का संचालन किया जाता था जिसने उसका जीवन बदल दिया।

उन्होंने बतलाया कि अब उनका एक परिवार है तथा उनके बच्चे कॉलेजों में अध्ययन कर रहे हैं जिन्हें कभी भूख का सामना नहीं करना पड़ता है।

अवियापो काथलिक राहत सेवा में कार्यरत हैं तथा घाना में फैले संगठन के अगुवाओं को प्रशिक्षण प्रदान करते हैं।

‘राइस बॉल’कार्यक्रम एक ऐसा कार्यक्रम है जिसमें पारिवारिक या व्यक्तिगत रूप से पल्लियों और स्कूलों में भूखों की मदद करने हेतु चालीसा काल में छोटी मात्रा में रुपये जमा किये जाते हैं। वर्तमान में इस संस्था के कई केंद्र सीरिया, ईराक, मध्य अफ्रीकी गणराज्य तथा दक्षिणी सूडान में हैं किन्तु उन देशों में चल रहे संघर्ष के कारण कार्यक्रम में रूकावट हो रही है।

काथलिक राहत सेवा संगठन ने युवाओं, उच्च विद्यालय के बालक बालिकाओं एवं प्रौढ़ लोगों की प्रार्थना में मदद करने हेतु मनन-चिंतन भी तैयार की है।  

 








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