2015-02-18 11:23:00

प्रधान मंत्री मोदी ने ख्रीस्तीयों को दिया धार्मिक स्वतंत्रता का आश्वासन


नई दिल्ली, बुधवार, 18 फरवरी सन् 2015 (ऊका समाचार): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धार्मिक हिंसा और असहिष्णुता पर पहली बार बोलते हुए कहा है कि किसी भी तरह की धार्मिक हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। 

मंगलवार को नई दिल्ली में ख्रीस्तीयों द्वारा आयोजित एक सभा में बोलते हुए प्रधान मंत्री महोदय ने कहा, "मेरी सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सभी को पूरी धार्मिक स्वतंत्रता हो और बिना दबाव के प्रत्येक नागरिक को कोई भी धर्म अपनाने की आज़ादी हो।"

काथलिक कलीसिया द्वारा सन्त घोषित कूरियाकोज़ चवारा तथा मदर यूफ्रेसिया के आदर में मंगलवार को "धार्मिक साक्ष्य" शीर्षक से राष्ट्रीय शिविर का आयोजन किया गया था जिसमें प्रधान मंत्री मोदी प्रमुख अतिथि थे। 

मोदी ने कहा कि किसी भी धर्म के किसी भी समूह को धर्म के आधार पर हिंसा की इजाजत नहीं दी जाएगी तथा हिंसा ढानेवालों पर सख्त कार्रवाई की जायेगी। उन्होंने कहा, "हम किसी भी बहाने, किसी भी धर्म के विरुद्ध हिंसा को स्वीकार नहीं कर सकते, मैं इस प्रकार की हिंसा की कड़ी निन्दा करता हूँ। मेरी सरकार इस सिलसिले में कड़ी कार्रवाई करेगी।"

प्रधान मंत्री मोदी ने कहाः "चाहे बहुसंख्यक हों या अल्पसंख्यक, मेरी सरकार किसी धार्मिक संगठन को, खुलकर या छिपकर, अन्यों के विरुद्ध घृणा को उकसाने की अनुमति नहीं देगी। मेरी सरकार सब धर्मों को बराबर सम्मान देती है।"  

ग़ौरतलब है कि जब से भाजपा की सरकार बनी है, धार्मिक हिंसा को लेकर विपक्ष और विदेश से लगातार मोदी पर हमले होते रहे हैं कि वे चुप क्यों हैं। अमरीकी राष्ट्रपति ने तो यहां तक कह दिया था कि भारत की धार्मिक असहिष्णुता इतनी बढ़ गई है कि यदि महात्मा गांधी देखते तो स्तब्ध रह जाते और अमरीका के "न्यू यॉर्क टाइम्स" अख़बार ने, अपने संपादकीय में, नरेंद्र मोदी की चुप्पी को ख़तरनाक बताया था। आखिरकार प्रधानमंत्री मोदी इस मुद्दे पर बोले। उन्होंने कहा कि देश में धार्मिक आस्था की पूरी आज़ादी है और हमारा मंत्र विकास है जिसके लिए एकता ज़रूरी है।

 








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