वाटिकन सिटी, मंगलवार, 17 फरवरी 2015 (सेदोक): वाटिकन ने मंगलवार को 30 वें विश्व युवा दिवस के लिये सन्त पापा फ्राँसिस के सन्देश की प्रकाशना कर दी।
काथलिक कलीसिया द्वारा घोषित 30 वाँ विश्व युवा दिवस विश्व के समस्त काथलिक धर्मप्रान्तों में पास्का महापर्व से एक सप्ताह पूर्व 29 मार्च को खजूर रविवार के दिन मनाया जायेगा।
"धन्य हैं जो मन के निर्मल हैं, क्योंकि वे ईश्वर के दर्शन पायेंगे", सन्त मत्ती रचित सुसमाचार में निहित येसु के ये शब्द इस वर्ष युवाओं के लिये प्रकाशित सन्देश का शीर्षक है।
सन्त पापा ने लिखा, "जुलाई सन् 2016 को क्रेकाव में अन्तरराष्ट्रीय युवा दिवस की तैयारी हेतु हम सब मिलकर येसु के पर्वत प्रवचन पर चिन्तन करें। उस अवसर पर प्रभु द्वारा दिये गये आशीर्वचनों में नौ बार "धन्य" शब्द प्रयुक्त हुआ है जो हम सबको और, विशेष रूप से, युवाओं को आनन्दित होने के लिये आमंत्रित करता है। चुनौतियों के बावजूद इस रास्ते पर आगे बढ़ने हेतु हमसे आग्रह किया गया है क्योंकि यह यथार्थ आनन्द तक ले जाता है।"
सन्त पापा ने कहा कि सदियों के अन्तरराल में सभी युगों के लोग इस आनन्द की खोज करते रहे हैं। प्रभु ईश्वर ने प्रत्येक व्यक्ति के हृदय में इसकी इच्छा को रखा है और इसीलिये सभी लोग यथार्थ आनन्द के लिये बेचैन रहा करते हैं।
सच्चे आनन्द या सच्ची खुशी का अर्थ समझाते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने लिखा कि यह तब ही मिल सकती है जब व्यक्ति ईश्वर के साथ, अन्यों के साथ तथा ख़ुद अपने साथ पूर्ण सहभागिता एवं एकता में सूत्रबद्ध रहे।
उन्होंने लिखा, "मानव के लिये ईश्वर की आरम्भिक योजना के तहत स्वतंत्रतापूर्वक ईश्वर के समीप जाना तथा उन्हें देख पाना था; उनके दैवीय प्रकाश का उद्देश्य प्रत्येक रिश्ते को सत्य एवं पारदर्शिता से प्रकाशमान बनाना था किन्तु आदि मानव की अवज्ञा के कारण पाप ने मानव इतिहास में प्रवेश किया तथा ईश्वर के साथ एवं अन्यों के साथ हमारे रिश्तों को भ्रष्ट कर डाला।" तथापि, उन्होंने लिखा, "पिता ईश्वर ने हमारे प्रेम के कारण अपने पुत्र येसु ख्रीस्त को भेजा ताकि हम पाप से मुक्त हो सकें तथा यथार्थ आनन्द की अनुभूति प्राप्त कर सकें। अस्तु, येसु के आशीर्वचनों का हम पाठ करें तथा उनपर मनन कर अपने जीवन को सुखमय बनायें।"
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