2015-02-17 11:05:00

21 कॉप्टिक ख्रीस्तीयों की हत्या इसलिये कि वे थे ख्रीस्तीयः सन्त पापा फ्राँसिस


वाटिकन सिटी, मंगलवार, 17 फरवरी 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस ने लिबिया में विगत दिनों इस्लामी स्टेट (आईएसआईएस) के चरमपंथियों द्वारा मिस्र के 21 कॉप्टिक ख्रीस्तीयों के सिर कलम कर हत्या किये जाने पर गहन शोक व्यक्त कर कहा है कि उन्हें सिर्फ इसलिये मार डाला गया क्योंकि वे ख्रीस्तानुयायी थे।

चर्च ऑफ स्कॉटलैण्ड के संचालक जॉन शालमेयर्स तथा उनके साथ आये प्रतिनिधियों से मुलाकात के अवसर पर सोमवार को सन्त पापा ने कहाः "लिबिया में कॉप्टिक ख्रीस्तीयों को सिर्फ इसलिये मारा गया कि वे ख्रीस्तीय धर्मानुयायी थे। उनका साक्ष्य, हम सबके श्रवण हेतु पुकार रहा है, उनका रक्त ख्रीस्तीयों की एकता का रक्त है जो ख्रीस्त में एक होने तथा एकता के मार्ग पर अग्रसर होने के लिये हम सबका आह्वान करता है।"

गहन संवेदना व्यक्त करते हुए सन्त पापा ने कहा, "आज मैंने 21 कॉप्टिक ख्रीस्तीयों की बर्बर हत्या के बारे में पढ़ा और मरते क्षण उनके मुख से यही निकलाः "येसु मदद कीजिये।"

उन्होंने कहा, "पवित्रभूमि में भी इसी प्रकार बहुत समय से ख्रीस्तीय भाई बहनों का रक्त पुकार रहा है। जहाँ कहीं भी हो ख्रीस्तीय उत्पीड़ित किये जा रहे हैं, चाहे वे काथलिक हों, आरथोडोक्स हों, कॉप्ट हों या फिर प्रॉटेस्टेण्ट ही क्यों न हों। वे सबके सब ख्रीस्तानुयायी हैं, उनका रक्त एक समान है। उनका रक्त ख्रीस्त में विश्वास की अभिव्यक्ति करता है।"

सन्त पापा ने कहा, "हत्या के शिकार बनाये गये हमारे इन भाइयों की याद करते हुए हम एक दूसरे को एकता में बँधने के लिये प्रोत्साहित करें क्योंकि शहीद किसी एक कलीसिया के नहीं होते वे तो सब ख्रीस्तानुयायियों के शहीद हैं।"     

चर्च ऑफ स्कॉटलैण्ड के प्रतिनिधिमण्डल से सन्त पापा ने कहा कि आज के युग में यह पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है कि हम एकजुट होकर ख्रीस्त का साक्ष्य प्रस्तुत करें। उन्होंने कहाः "हमारे वैश्वीकृत एवं प्रायः अस्त-व्यस्त विश्व में सुसमाचार का सन्देश सुनाने के लिये एक साथ मिलकर ख्रीस्तीय साक्ष्य प्रस्तुत करने की नितान्त आवश्यकता है। 

 








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