2015-02-07 16:41:00

ईश्वर ने शहरों को नहीं त्याग है


वाटिकन सिटी, शनिवार, 7 फरवरी 2015 (वीआर सेदोक)꞉ संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार 7 फरवरी को वाटिकन स्थित क्लेमेंटीन सभागार में पूर्ण सभा (प्लेनरी) में भाग ले रहे लोकधर्मियों के लिए बनी परमधर्मपीठीय समिति के 120 प्रतिनिधियों से मुलाकात की।

उन्हें सम्बोधित करते हुए उन्होंने कहा, ″शहरीकरण की प्रक्रिया ने इस समय वैश्विक आयाम को अपने कब्जे में कर लिया है। इस पृथ्वी पर आधा से अधिक लोग शहरों में जीवन यापन कर रहे हैं तथा शहरी वातावरण का लोगों के मानसिक, संस्कृति, जीवन शैली, आपसी संबंधों तथा धार्मिक जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है। ऐसी स्थिति में कलीसिया द्वारा मात्र भावनात्मक प्रोत्साहन देना पर्याप्त नहीं है। उसे विभिन्न भाषा, चिन्ह, संदेश, मानदंड तथा जीवन के नये तरीके के प्रस्ताव के कारण सुसमाचार प्रचार हेतु बाधाओं का सामना करना पड़ता है।

संत पापा ने कहा कि शहरों में अवसरों के साथ जोखिम भी हैं। यह मानवीय स्वतंत्रता का स्थल अवश्य हो सकता है किन्तु अमानवीय और दुखद स्थान भी बन सकता है क्योंकि समृद्ध और विकसित दिखने वाले शहर में भी अदृश्य, बिना नागरिकता, बिना आवास तथा संबंधी हीन लोग जीवन यापन करते हैं। उन पर न कोई ध्यान देता और न ही कोई रुचि रखता है किन्तु इन परिस्थितियों के बीच हमें सदा स्मरण रखना चाहिए कि ईश्वर ने शहरों को नहीं त्याग है। शहरों के केंद्र में भी ईश्वर से मुलाकात की जा सकती है क्योंकि ईश्वर वहाँ भी उपस्थित हैं। अतः निराश होने और जीवन से हार मानने के बजाय, शहरों को विश्वास की नजर से देखना चाहिए। अपने जीवन को सार्थक बनाने हेतु ईश्वर की उपस्थिति का सच्चे हृदय से खोज करने वालों को अवश्य सफलता मिलती है। इस प्रकार की खोज करने वालों को कलीसिया मदद करना चाहती है ताकि वे ईश्वर के लिए अपना हृदय द्वार खोल सकें।

संत पापा ने लोकधर्मियों की बुलाहट पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे अपने दैनिक कार्यों द्वारा व्यक्तिगत अथवा समुदाय के साथ निर्भिकता पूर्वक शहर के लोगों के पास जाएँ।  

सुसमाचार की आनन्दमय घोषणा द्वारा लोकधर्मी यह अनुभव करेंगे कि शहरों में कई ऐसे हृदय हैं जिन्हें पवित्र आत्मा ने पहले ही सुसमाचार के साक्ष्य को स्वीकार करने हेतु तैयार किया है।

संत पापा ने कहा कि वे लोगों को सुसमाचार को जीने हेतु प्रोत्साहन दें। कलीसिया में अपने नम्रता पूर्ण संबंधों को बनाये रखें तथा समस्त शहर के लिए खमीर बनें।

संत पापा ने आग्रह किया कि वे अपने स्थानीय धर्माध्यक्षों के साथ सहयोग करते हुए सुसमाचार को अपने केंद्र में रखें न कि उसे एक संलग्न वस्तु के रूप में देखें। ईश्वर के प्रेम एवं ख्रीस्त की मुक्ति को उसकी सुन्दरता और शुद्धता के साथ लोगों के लिए प्रस्तुत करें।

 

 








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