2015-02-06 16:38:00

शहादत अतीत की बात नहीं, आज भी जारी


वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 6 फरवरी, 2015 (सेदोक,वीआर) संत पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार 6 फरवरी को वाटिकन स्थित सान्ता मार्था अतिथि आवास में यूखरिस्तीय बलिदान अर्पित करते हुए प्रवचन में कहा कि ईसाइयों की शहाहत अतीत की बात नहीं है। आज भी कई लोग येसु मसीह से नफ़रत करनेवालों की हिंसा के शिकार होते हैं।

विदित हो कि संत पापा ने अपने उपदेश में संत योहन बपतिस्ता के जीवन और मृत्यु पर अपने चिन्तन करते हुए उक्त बात कही।

संत पापा ने कहा कि संत योहन बपतिस्ता की दुःखद मौत इस बात को बतलाती है कि योहन बपतिस्ता ने अपनी बुलाहट के साथ विश्वासघात नहीं किया पर उसने येसु के निकट होने की घोषणा की। उसे अच्छी तरह से मालूम था कि उसका दायित्व है - ईशवचन की घोषणा।

संत पापा ने कहा कि योहन एक ऐसे राजा के निर्णय का शिकार हो गया जिसने निर्णय तो लिया पर इसलिये नहीं कि वह पश्चातापी था पर निर्णय शराब के नशे में चूर, भ्रष्ट मन से सिर्फ़ एक नृतकी की इच्छा पूरी करने के लिये और इसीलिये उसने दुनिया के एक महान मानव पुत्र की हत्या कर दी।

संत पापा ने कहा कि जब मैं इस घटना पर चिन्तन करता हूँ तो मेरे मन में दो बातें उभर कर आतीं हैं। पहली, आज के हमारे शहीद, जिनमें कई पुरुष, महिलायें तथा बच्चे शामिल हैं सताया जाता, मारा-पीटा जाता, घर से निकाल दिया जाता और कई बार मौत के घाट उतार दिया जाता है।  

दूसरी बात, जिस तरह योहन बपतिस्ता को शहीद होना पड़ा उसी प्रकार जापान में मिकी और उसके साथियों को 17वीं शताब्दी में शहीदी प्राप्त हुई और एक दिन हमें भी शहीद होने के लिये तैयार रहने की ज़रूरत है। शहीद होना येसु के समान विजय प्राप्त करने के सदृश है। 








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