2015-02-04 12:23:00

भेदभावों को दूर करने का वाटिकन राजदूत ने किया आह्वान


बैंगलोर, बुधवार, 4 फरवरी 2015 (ऊका समाचार): भारत में सेवारत परमधर्मपीठ के राजदूत महाधर्माध्यक्ष साल्वातोर पेन्नाखियो ने भारतीय काथलिक कलीसिया से आग्रह किया है कि वह शांति एवं सद्भाव को प्रोत्साहन दे तथा कलीसिया के अन्तर में विद्यमान समस्त भेदभावों को दूर करे।

बैंगलोर में भारतीय काथलिक धर्माध्यक्षों की 27 वीं पूर्णकालिक सभा का उदघाटन कर वाटिकन के राजदूत महाधर्माध्यक्ष पेन्नाखियो ने कहा, "सच्चा ईश अनुभव याजकवर्ग एवं विश्वासियों को हाशिये पर जीवन यापन करनेवाले तथा समाज के शोषित लोगों के प्रति एकात्मता हेतु अग्रसर करेगा।"

"धर्मविधि एवं जीवन" विषय पर, बैंगलोर में 02 से 09 फरवरी तक धर्माध्यक्षों की 27 वीं पूर्णकालिक सभा जारी है जिसमें सम्पूर्ण भारत के लगभग 140 काथलिक धर्माध्यक्ष भाग ले रहे हैं।

महाधर्माध्यक्ष पेन्नाखियो ने कहा, "धर्मविधि ईश्वर की महिमा तथा ईश प्रजा के पवित्रीकरण का माध्यम है। वह ऐसा स्रोत है जहाँ से समस्त शक्तियाँ प्रवाहित होती हैं तथा ऐसा शीर्ष है जिसके प्रति कलीसिया की समस्त गतिविधियाँ अभिमुख रहा करता हैं।"

उन्होंने कहा, "विभिन्न धर्मों के अनुयायियों के साथ निष्कपट वार्ता, सद्भाव एवं सराहना की भावना में ख्रीस्त का साक्ष्य प्रस्तुत किया जाना चाहिये ताकि एक बेहतर समाज के लिये आपसी भाईचारे एवं शांतिपूर्ण एकात्मता के सम्बन्धों एवं सेतुओं का निर्माण किया जा सके।"

इसके अतिरिक्त परमधर्मपीठीय राजदूत ने भारतीय कलीसिया में सभी भेदभावों को दूर करने का भी आग्रह किया, उन्होंने कहा, "भारतीय कलीसिया को देश के दलितों के साथ एकात्मता की पुनर्पुष्टि करना चाहिये।" धर्माध्यक्षों से उन्होंने कहा, "कलीसिया के अन्तर्गत व्याप्त सब प्रकार के भेदभावों के उन्मूलन हेतु अपनी प्रतिबद्धता में आप सबको एक होना चाहिये तथा हमारे दलितों एवं सभी अन्य विश्वासियों के लिये समान सम्भावनाओं को सुनिश्चित्त करना चाहिये।"      








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