वाटिकन सिटी, 02 फरवरी सन् 2015 (सेदोक): सन्त पापा फ्राँसिस बोज़निया-एर्जेगोविना के लोगों के बीच शांति एवं मैत्री को बढ़ावा देने के लिये आगामी जून माह में सारायेवो की यात्रा करेंगे।
रविवार को देवदूत प्रार्थना के लिये, वाटिकन स्थित सन्त पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में एकत्र तीर्थयात्रियों के समक्ष, सन्त पापा फ्राँसिस ने घोषित किया कि यदि ईश्वर की इच्छा हुई तो वे आगामी जून 06 को सारायेवो की यात्रा करेंगे। .......
सन्त पापा ने कहा.... "प्रिय भाइयो एवं बहनो, मैं घोषित करना चाहता हूँ कि यदि ईश्वर की इच्छा हुई तो मैं छः जून को बोज़निया-एर्जेगोविना की राजधानी सारायेवो की यात्रा करूँगा। अभी से ही आपसे मैं प्रार्थना का निवेदन करता हूँ ताकि उस प्रिय जनता के बीच मेरी यात्रा काथलिक विश्वासियों के लिये प्रोत्साहन का स्रोत सिद्ध हो तथा इससे सभी लोगों के कल्याण हेतु भ्रातृत्व, शांति, अन्तर-धार्मिक वार्ता एवं मैत्री को बढ़ावा मिले।"
ग़ौरतलब है कि बोज़निया-एर्जेगोविना भूतपूर्व युगोस्लाविया का भाग था जो सन् 1992 से 1995 तक चले युद्ध में तहस-नहस हो गया था। इस युद्ध में कम से कम एक लाख लोगों के प्राण चले गये थे। इसके अतिरिक्त, बोज़निया के मुसलमान एवं क्रोएशियाई काथलिकों सहित हज़ारों लोगों को सर्बियों द्वारा या तो मार डाला गया था अथवा नज़रबन्दी शिविरों में भेज दिया गया था। युद्ध अपराधों पर अभी भी मुकदमा चल रहा है।
सन्त पापा जॉन पौल द्वितीय, सन् 1997 में, सारायेवो की यात्रा करनेवाले सबसे पहले सन्त पापा थे जिन्होंने इसके सात वर्ष बाद बान्या लूका की यात्रा कर एक बार फिर बोज़निया एर्जेगोविना का दौरा किया था। उस अवसर पर सन्त जॉन पौल ने बोज़निया एर्जेगोविना के संर्घषरत क्रोएशियाई काथलिक, बोज़नियाई मुसलमानों एवं सर्बी ऑरथोडोक्स दलों से आग्रह किया था कि वे अपने मतभेदों को दूर रख एक बहुजातीय समाज का निर्माण करें।
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