2015-02-02 11:46:00

वाटिकन न्यायालय के नये न्यायिक वर्ष का उदघाटन


वाटिकन सिटी, सोमवार, 2 फरवरी 2015 (सेदोक): वाटिकन के न्यायालय ने, शनिवार 31 जनवरी को नये न्यायिक वर्ष का उदघाटन किया। वाटिकन प्रशासन कार्यालय के प्रार्थनालय में वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने ख्रीस्तयाग अर्पित कर न्यायालय के 86 वें सत्र का उदघाटन किया।

ख्रीस्तायग प्रवचन में न्यायालय के धर्माधिकारियों, वक्ताओं, परामर्शकों एवं वकीलों से कार्डिनल पारोलीन ने कहा कि हालांकि दृढ़तापूर्वक कानून को लागू किया जाना चाहिये तथापि, इस प्रक्रिया से करुणा एवं दया को कभी भी अलग नहीं किया जाना चाहिये।  

31 जनवरी को कलीसिया सन्त जॉन बॉस्को का पर्व मनाती है, इस सन्दर्भ में कार्डिनल पारोलीन ने सन्त बॉस्को की शिक्षाओं को याद किया। विशेष रूप से, उन्होंने सन्त जॉन बॉस्को के निवारक निकाय की चर्चा की, जिसमें तर्क द्वारा प्रशिक्षण, ईश्वर के प्रति उदारता तथा व्यक्तियों के प्रति दया का व्यवहार शामिल है। कार्डिनल महोदय ने कहा कि सन्त बॉस्को ने दमनकारी एवं प्रतिशोधात्मक तौर तरीकों का सदैव खण्डन किया था।

कार्डिनल पारोलीन ने स्मरण दिलाया कि न्यायिक निकाय का कार्य निवारक होने के साथ-साथ सुधारक एवं शैक्षिक भी है।

उन्होंने कहा, "आपकी गुणकारी सेवा को यदि प्रभावशाली होना है तो उसे विश्वास की उदात्त दृष्टि से जुड़ना होगा।"

कार्डिनल महोदय ने कहा, "हालांकि, कानून आवश्यक है तथापि, वह अपने आप में पर्याप्त नहीं है।  विश्राम दिवस, जैसा कि प्रभु सिखाते हैं, मनुष्य के लिये बनाया गया है, मनुष्य विश्राम दिवस के लिये नहीं है, इसी प्रकार कानून मनुष्य के लिये बनाया गया है, मनुष्य कानून के लिये नहीं।" उन्होंने कहा, "कानून न्याय पाने का साधन मात्र है और इसलिये भलाई की खोज के प्रति उसे सदैव अभिमुख रहना चाहिये।"    








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