2015-02-02 08:46:00

प्रेरक मोतीः प्रभु येसु का मन्दिर में अर्पण


वाटिकन सिटी, 02 फरवरी सन् 2015

2 फरवरी को काथलिक कलीसिया प्रभु येसु के मन्दिर में अर्पण का पर्व मनाती है। यह पर्व येसु जन्म से चालीस दिन बाद पड़ता है तथा ख्रीस्तजयन्ती की अवधि भी इसी पर्व से समाप्त हो जाती है। इस पर्व को केन्डलमास या वर्त्तिकोत्सव या शुद्धीकरण का पर्व भी कहा जाता है। मूसा की संहिता के अनुसार पुत्र प्रसव से चालीस दिन बाद माता द्वारा मन्दिर में जाकर शुद्धिकरण की धर्मविधि पूरी करना तथा अपने पुत्र को प्रभु के समक्ष अर्पित करना होता है। बाईबिल धर्मग्रन्थ के प्राचीन व्यवस्थान के लेवी ग्रन्थ में मूसा की संहिता का यह नियम निहित है, जिसमें कहा गया हैः "जब उसके शुद्धीकरण के दिन पूरे हो जायेंगे, तब उसने चाहे पुत्र प्रसव किया हो या कन्या, वह दर्शन-कक्ष के द्वार के सामने याजक के पास होम-बलि के लिए एक वर्ष का मेमना और प्रायश्चित-बलि के लिए एक कबूतर या एक पण्डुक लाये" (लेवी 12:6)।

मन्दिर में येसु के अर्पण की घटना सन्त लूकस रचित सुसमाचार में वर्णित है जिसमें सन्त लूकस वृद्ध सिमियोन द्वारा येसु के दर्शन की घटना का विवरण प्रस्तुत करते हैं। सुसमाचार के अनुसार, सिमियोन से वादा किया गया था कि वे तब तक नहीं मरेंगे जब तक प्रभु येसु ख्रीस्त के दर्शन न कर लें। लिखा हैः "उस समय येरुसालेम में सिमियोन नामक एक धर्मी तथा भक्त पुरुष रहता था। वह इस्राएल की सान्त्वना की प्रतीक्षा में था और पवित्र आत्मा उस पर छाया रहता था। उसे पवित्र आत्मा से यह सूचना मिली थी कि वह प्रभु के मसीह को देखे बिना नहीं मरेगा" (लूकस 2: 25-26)। धर्मी पुरुष सिमियोन प्रार्थना करते रहे तथा उनकी प्रार्थना नुन्क दिमित्तिस अर्थात् सिमियोन का स्तुतिगान नाम से विख्यात हो गई। इस गीत में सिमियोन ने येसु ख्रीस्त द्वारा विश्व की मुक्ति की भविष्यवाणी की है। 02 फरवरी को येसु के मन्दिर में अर्पण एवं शुद्धीकरण के पर्व के दिन हम इसी गीत पर चिन्तन करें।      

चिन्तनः "प्रभु, अब तू अपने वचन के अनुसार अपने दास को शान्ति के साथ विदा कर; क्योंकि मेरी आँखों ने उस मुक्ति को देखा हैजिसे तूने सब राष्ट्रों के लिए प्रस्तुत किया है। यह ग़ैर-यहूदियों के प्रबोधन के लिए ज्योति है और तेरी प्रजा इस्राएल का गौरव"  (लूकस 2:29-32)।

 








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