2015-01-28 12:07:00

धर्म के नाम पर विभाजन के प्रति ओबामा ने भारत को किया सचेत


नई दिल्ली, बुधवार, 28 जनवरी सन् 2015 (ऊका समाचार): अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने भारत दौरे के अन्तिम दिन, मंगलवार, 27 जनवरी को, दिल्ली के सीरी फोर्ट ऑडिटोरियम में दिये भाषण में, धर्म के नाम पर राष्ट्र में विभाजन के प्रति सचेत किया।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक नागरिक को बिना भय अथवा उत्पीड़न के, अपने धर्म और विश्वास के पालन का अधिकार होना चाहिये। उन्होंने स्मरण दिलाया कि हिन्दू बहुल राष्ट्र भारत के संविधान में सभी नागरिकों को धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी दी गई है। 

राष्ट्रपति ओबामा ने कहा कि धार्मिक स्वतंत्रता "बहुधार्मिक भारत की तुलना में और कहीं भी इतनी अधिक महत्वपूर्ण नहीं है और न ही, इस आधारभूत मूल्य को बरकरार रखने के लिये, वह कहीं और इतनी अधिक आवश्यक होगी।"  

उन्होंने कहा, "भारत यदि धार्मिक विश्वास के नाम पर नहीं बँटेगा तो अवश्य ही प्रगति करेगा।" 

महात्मा गाँधी को उद्धृत कर राष्ट्रपति ओबामा ने स्मरण दिलाया, "'महात्मा गांधी कहते थे कि सभी धर्म एक ही पेड़ के फूल हैं। धर्म का गलत इस्तेमाल नहीं होना चाहिए।"    

उन्होंने कहा, 'भारत व्यापक विविधता के साथ अपने लोकतंत्र को मजबूती से आगे बढ़ाता है तो यह दुनिया के लिए एक उदाहरण होगा। भारत सफल तभी होगा, जब वह धार्मिक आधार पर बंटेगा नहीं।'

ओबामा ने कहा कि हर व्यक्ति को किसी भी तरह के डर के बिना अपने धर्म का पालन करने का अधिकार है और हमें समाज को बांटने वाले तत्वों से सावधान रहना होगा।

देहली महाधर्मप्रान्त के प्रवक्ता फादर दोमनिक एम्मानुएल ने कहा कि वे राष्ट्रपति ओबामा के शब्दों को भारत से परिपक्व होने तथा सबके के लिये धार्मिक स्वतंत्रता की गारंटी देने का आह्वान मानते हैं।

उन्होंने कहा, "विकास के लिये केवल व्यापार एवं उद्योग ही पर्याप्त नहीं हैं अपितु धार्मिक स्वतंत्रता एवं मानवाधिकार भी समान रूप से महत्वपूर्ण है।"    

 

 








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